जबलपुर। बड़े और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर पुलिसिंग के कामकाज में हस्तक्षेप करें ये जरूरी भी है। लेकिन यहां तो हर छुटभैया भी चाहता है कि हमारी मर्जी से थाने का कामकाज चले। हम जबलपुर में काम नहीं कर सकते, जल्द से जल्द हमारा ट्रांसफर दूसरे जिले में कर दिया जाए। जबलपुर में पदस्थ दो दर्जन थाना प्रभारियों ने अपने ट्रांसफर को लेकर आवेदन भेजे हैं, जिसमें राजनीतिक दबाव का हवाला दिया गया है। पत्र भेजने वाले ज्यादातर लोगों ने भाजपा नेताओं पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनें या नेताओं की
पुलिस सूत्रों के अनुसार पीएचक्यू भेजे गए आवेदनों में पुलिस अधिकारियों ने अपने साथ हुई घटनाओं का जिक्र भी किया है। ज्यादातर विवाद गंभीर अपराधों की विवेचना में नेताओं के हस्तक्षेप से जुड़े हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट, पुलिस रेग्युलेशन या अपने अफसरों के निर्देशों पर कार्रवाई करें या नेताओं के हिसाब से।
घटनाओं से फोर्स का मनोबल गिरा
हाल ही में राजनीतिक विवादों के चलते थाना प्रभारी से सिपाही तक अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ लाइनअटैच, निलंबन और विभागीय सजाओं के कारण पुलिस फोर्स का मनोबल गिर रहा है। इस बात को लेकर सोशल मीडिया में चर्चाएं चल रहीं हैं। हनुमानताल, बस स्टैण्ड, कैंट, गढ़ा, घमापुर, मदनमहल, रांझी समेत कई थानों में हुए विवाद इसके प्रमाण हैं।
राजनीतिक हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट तैयार
सूत्रों के अनुसार पुलिस विभाग ने इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को शांति से निपटाने के लिए आपराधिक प्रवृत्ति के साथ राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले विवादित नेताओं की लिस्ट तैयार करना शुरू कर दी है।