भोपाल। गोपाल गृह निर्माण सहकारी समिति में घोटाले का आरोपी सब इंजीनियर एसके विश्वकर्मा पिछले 6 साल से कानून की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए आजाद घूम रहा था परंतु अब उसकी गिरफ्तारी लगभग सुनिश्चित हो चुकी है। 6 साल में कई बार अग्रिम जमानतें खारिज हो चुकी हैं। इस दौरान संंबंधित थाना प्रभारियों ने उसकी गिरफ्तारी नहीं की। हाईकोर्ट ने अब पूरी लिस्ट तलब कर ली है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 24 घंटे में रिकॉर्ड सहित हाजिर होने के निर्देश का भोपाल एसपी राहुल लोढ़ा ने पालन किया। वे शुक्रवार को न्यायमूर्ति जेपी गुप्ता की एकलपीठ में हाजिर हुए। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि अक्टूबर-2017 में ही भोपाल की कमान संभाली है। लिहाजा, संदर्भित मामले में जांच कराई जा रही है। थोड़ी मोहलत मिलने पर ठोस कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी।
हाईकोर्ट ने एसपी के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए 15 फरवरी तक की मोहलत दे दी। साथ ही निर्देश दिया कि इस बीच फरार आरोपी की गिरफ्तारी की दिशा में प्रयास तेज करने के अलावा संबंधित थाने पिपलानी में विगत 6 वर्ष के दौरान बदले सभी थाना प्रभारियों की सूची पेश की जाए।
क्या था मामला-
भेल में असिस्टेंट इंजीनियर एसके विश्वकर्मा के खिलाफ 6 वर्ष पूर्व गोपाल गृह निर्माण सहकारी समिति के सदस्य के रूप में घोटाले का आरोप लगा था। इसके बाद से गिरफ्तारी से बचने अग्रिम जमानत अर्जियां लगाने का अभियान शुरू किया गया। सेशन कोर्ट से झटका लगने पर तीसरी बार हाईकोर्ट की शरण ली गई है। जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि 6 वर्ष से फरार आरोपी अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका है? इसी सिलसिले में भोपाल के एसपी को बुला लिया गया था।