
अत: वर्तमान सत्र के लिए शासकीय विद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध अस्थायी रूप से अतिथि शिक्षकों को रखे जाने की समयावधि 28 फरवरी 2018 तक नियत की जाती है। 28 फरवरी के पश्चात कोई भी अतिथि शिक्षक कार्यशील नहीं होगा। इसकी सूचना लोक शिक्षण आयुक्त, राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल, जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ दी गई है। यहां पर बता दें कि वर्तमान में अतिथि शिक्षकों ने हड़ताल करके नियमतीकरण को लेकर हंगामा किया था। जिससे प्रदेश भर में प्रदर्शन हुए थे।
गंभीर नहीं है शिक्षा विभाग, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
24 फरवरी को मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव श्री प्रमोदसिंह ने फरमान जारी कर अतिथि शिक्षकों की सेवा अवधि 28 फरवरी तक तय कर दी । ज्ञात रहे 28 फरवरी से पूरे प्रदेश में वार्षिक मूल्यांकन(परीक्षा) शुरू है । विगत पांच वर्षो से हजारों शिक्षकों के रिक्त पदों पर स्थायी भर्ती करने के बाजाय अतिथि शिक्षकों की सेवाऐं ली जा रही है । शिक्षक विहिन विद्यालय तो अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे है ऐसे विद्यालयों के छात्रों के वार्षिक मूल्यांकन की परवाह किए बगैर इनको चलता कर दिया।
पूरे प्रदेश में कक्षा 3 से लेकर 12 तक जिसमें 10 व 12 बोर्ड परीक्षाओं का संचालन होना है शिक्षक इनमें व्यस्त रहेंगें। स्कूल शिक्षा विभाग का यह आदेश चालू बजट सत्र में सरकार को बदनाम कर भट्टा बैठाने को पर्याप्त है। सरकारी विद्यालयों में आम आदमी व गरीबों के बच्चें पढ़ते है इनके भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार को स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जारी आदेश को तत्काल वापस लेकर अतिथि शिक्षकों को नई भर्ती तक कार्यशील रखा जाना शिक्षा, शिक्षक व शिक्षार्थी के हित में होगा।
इनका कहना
अतिथि शिक्षक तो 01 फरवरी से ही स्कूलों का बहिष्कार कर चुके हैं हमे कोई फर्क नही पड़ता कि शासन कैसा आदेश जारी करता हमारा आन्दोलन मांगे पूरी होते तक जारी रहेगा।