नेताओं और संगठनों के झगड़े निपटाना संघ का काम नहीं: मोहन भागवत | NATIONAL NEWS

विदिशा। संगठनों और नेताओं में आपसी फूट नहीं होना चाहिए। उन्हें आपस में समन्वय बनाकर काम करने की जरूरत है। सभी संगठन अपनी अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर लक्ष्यपूर्ति के लिए काम करें। नेताओं और संगठनों के झगड़े निपटाना संघ का काम नहीं है। राजनीति में जातिवाद जरूरी है और उसे नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा राजनीति पार्टियों को अपनी प्राथमिकता के आधार पर काम करना चाहिए। इसमें किसी दूसरे संगठन को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। बैठक के दौरान उन्होंने संघ से जुड़े संगठनों की प्राथमिकताएं बताते हुए उसके अनुरूप कार्य करने की बात कही।

यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने मध्य क्षेत्र की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के शुभारंभ सत्र में कही। इस बैठक में संघ से जुड़े 35 संगठनों के 425 कार्यकर्ता मौजूद थे। टीलाखेड़ी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में आयोजित संघ की इस बैठक का शुभारंभ गुरुवार को सुबह 11 बजे हुआ। शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि सभी अनुषांगिक संगठनों को राष्ट्र हित में काम करना चाहिए। उनके किसी भी कार्य से राष्ट्रहित प्रभावित न हों। करीब दो घंटे के उद्बोधन में संघ प्रमुख ने सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि आज के दौर में संस्कृति को मजबूत रखने की जरूरत है। यदि संस्कृति मजबूत रही तो राष्ट्र भी मजबूत बना रहेगा। बैठक के दौरान उन्होंने विभिन्न् संगठनों के पदाधिकारियों से आगामी गतिविधियों के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए। जिस पर करीब 40 पदाधिकारियों ने बैठक में अपने सुझाव रखे। इनमें राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रांत स्तर तक के सुझाव शामिल थे।

चौहान समेत आला नेता पहुंचे
संघ की बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान, संगठन मंत्री सुहास भगत, प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा, सांसद प्रभात झा, किसान संघ के शिवकांत दीक्षित, विद्याभारती के हितानंद शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी दिन भर बैठकों में मौजूद रहे। इनके अलावा बैठक में संघ के अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख सुनील कुलकर्णी, सह प्रचारक प्रमुख विनोद कुमार, सह संपर्क प्रमुख अरुण कुमार, अखिल भारतीय ग्राम विकास प्रमुख दिनेश कुमार, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य हस्तीमल, विश्व विभाग के संयोजक डॉ. सदानंद सप्रे मौजूद थे।

यह संगठन में हुए शामिल
संघ की पहले दिन की बैठक में कुल 35 अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। इनमें भाजपा के अलावा अभाविप, मध्यप्रदेश शिक्षक संघ, भारतीय शिक्षण मंडल, सहकार भारतीय, ग्राहक पंचायत, संस्कार भारती, संस्कृत भारती, भारत विकास परिषद, हिन्दु जागरण मंच, ग्रामीण मजदूर संघ आदि शामिल हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !