
विधि एवं विधायी विभाग ने भी इस पर सहमति जताई थी, लेकिन कैबिनेट में प्रस्ताव रखने से चंद घंटे पहले इस बिंदु को हटा दिया गया था। अब जब संविदा पद घोषित करने की नौबत आई तो सामान्य प्रशासन विभाग ने एक बार फिर नियम में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था। बताया जा रहा है कि वित्त विभाग प्रस्ताव से सहमत हो गया है। अब हर बार पद को संविदा का घोषित कराने की जरूरत नहीं होगी।
प्रमुख अभियंता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, संचालक, अतिरिक्त संचालक, संयुक्त संचालक या अन्य ऐसा कोई पद जो खाली है और लंबे समय तक सीधी भर्ती या पदोन्नति के जरिए भरने की संभावना नहीं है तो उस पर सीधे संविदा आधार पर नियुक्ति की जा सकेगी। वित्त मंत्री जयंत मलैया भी संविदा नियुक्ति नियमों में संशोधन की पुष्टि कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग वित्त विभाग से फाइल लौटने पर कैबिनेट में नियमों में संशोधन का प्रस्ताव लाएगा।