इंदौर। प्रदेश में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए शासन ने 1 जनवरी से सभी यात्री बसों में सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है। इंदौर में भी इस पर अमल करते हुए उन बसों के फिटनेस टेस्ट पर रोक लगा दी, जिनमें ये सिस्टम नहीं लगे है। ऐसी आठ बसों को लौटा दिया गया। इसके अलावा उड़न दस्तों को निर्देशित किया गया है कि जहां भी ऐसी बसें मिलें उनकी फिटनेस निरस्त कर दी जाए।
केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि 1 अप्रैल 2018 से पहले सभी लोक परिवहन वाहनों में जीपीएस लगाया जाए। इस बीच कुछ समय पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने महिला यात्रियों की सुरक्षा को और गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सभी यात्री बसों में 1 जनवरी 2018 तक जीपीएस के साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं।
इधर कार्रवाई भी; आठ बसें लौटाईं, जांच में होगी सख्ती
आरटीओडॉ. एमपी सिंह ने बताया कि सीएम के आदेश 1 जनवरी से लागू कर दिए गए हैं। आरटीओ ने बताया कि सोमवार से इंदौर आरटीओ में लागू की गई इस व्यवस्था के तहत बिना सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस लगी 8 बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से इनकार करते हुए अनफिट मानते हुए लौटा दिया गया। उड़नदस्ते को भी निर्देश दिए हैं कि जांच के दौरान ऐसी बस मिलती है तो उसकी फिटनेस निरस्त की जाए। अन्य लोक परिवहन वाहनों में जीपीएस की अनिवार्यता 1 अप्रैल से लागू की जाएगी।