
मप्र के धुरंधर अफसरों का एक दल इस पर तेजी से काम कर रहा है। टारगेट है, एक ऐसी योजना को तैयार करना जो KISAN को उनकी उपज का कम से कम 50% मुनाफा दिलाने की गारंटी दे। यह योजना जल्द ही आकार लेगी। मप्र के कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन ने भोपाल समाचार डॉट कॉम से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यह भावांतर भुगतान योजना से अलग होगी। हमारी कोशिश है कि किसान की लागत को घटाया जाए और उसे कम से कम 50% मुनाफा हर हाल में दिलाएं।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री बनते ही अपना पहला लक्ष्य घोषित किया था। उन्होंने ऐलान किया था कि वो 'खेती को लाभ का धंधा' बनाकर रहेंगे। मप्र सरकार को किसान हितैषी सरकार होने के कई आवार्ड तो मिले लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद भी मप्र का किसान मुस्कुराता हुआ नहीं मिला। पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन को कांग्रेस ने काफी भुनाया और यह कांग्रेस का मुख्य मुद्दा बन गया है। जवाब में शिवराज सिंह भावांतर भुगतान योजना लेकर आए लेकिन वो सफल नहीं हो सकी।
माना जा रहा है कि इस योजना के माध्यम से शिवराज सिंह मप्र में चल रही विरोध की लहर को समर्थन के सैलाब में बदल देंगे। हाल ही में उन्होंने 2.84 लाख अध्यापकों को शिक्षा विभाग में संविलियन का ऐलान कर विरोध में खड़े हुए एक वर्ग से जयकारे लगवा लिए हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही वो संविदा कर्मचारियों को भी नियमितीकरण का तोहफा देने की योजना बना रहे हैं।