
पश्चिम बंगाल की राज्य इकाई का कहना है कि कई वजहों से पार्टी इस तेजी को पकड़ने में सक्षम नहीं हो पा रही है। साल 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद से राज्य में भाजपा के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है और वह अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के समक्ष चुनौती खड़ी कर रही है। एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्हें बहुत कुछ करने की जरूरत है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'हम राज्य में अभी तक सभी 77,000 बूथों पर नहीं पहुंच पाए हैं। 2017 की शुरुआत में बंगाल की यात्रा पर आए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साल 2017 के अंत तक बूथ कमेटी बनाने का लक्ष्य तय किया था लेकिन हम अभी तक लक्ष्य का 65-70 फीसदी ही हासिल कर पाए हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसी संभावना है कि बूथ कमेटी बनाने का काम अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम आशा करते हैं कि बूथ स्तर की कमेटी बनाने का काम साल 2018 तक पूरा हो जाएगा।' राज्य में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'पार्टी के एक धड़े के नेताओं के बीच हो रही लड़ाई की वजह से पार्टी के आगे बढ़ने के रास्ते में रूकावट पैदा हो रही है। पार्टी के एक धड़े के नेता मौजूदा नेतृत्व के मनमाने रवैये से खुश नहीं हैं और असक्रिय हो गए हैं।