
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल में रसोइया शीला देवी बच्चों के लिए दाल बना रही थी. उसी दौरान उसके बेटे गुड्डू कुमार की मौत दाल में गिरने से हो गई. इतनी बड़ी घटना की जानकारी स्कूल प्रशासन ने अपने सीनियर अधिकारियों को देना भी मुनासिब नहीं समझा. यही नहीं इस घटना को छिपाने की भी कोशिश की गई. मगर इलाज के दौरान बच्चे की मौत के बाद ग्रामीणों के द्वारा मामले का खुलासा किया गया.
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने घटना की जानकारी न तो पुलिस थाने को दी और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों को. घायल बच्चे को आनन-फानन में पटना के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस स्कूल पहुंचकर जांच कर रही है. बच्चे के माता-पिता ने पुलिस के समक्ष अपना बयान पुलिस के समक्ष दर्ज कराया है. वहीं प्रखंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. पीड़ित परिवार को राहत और मुआवजा देने के लिए वरिष्ठ पदाधिकारी से बात की जा रही है.
सरकारी स्कूलों में मिडडे मील में लापरवाही की ये कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बच्चों की जानें जा चुकी हैं. अब इस घटना के बाद से बच्चों की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.