
गुना में मंगलवार को राजस्थान बार्डर से लगे मप्र के आखिरी गांव डेहरा में निवास करने वाले सहरिया आदिवासी समाज ने यह निर्णय लिया गया है। समाज की महिलाएं यदि कहीं मजदूरी करने भी जाती हैं तो महिलाएं कम से कम पांच महिलाओं के समूह में ही मजदूरी करने जाएंगी, ताकि आदिवासी महिलाओं का कोई शोषण न करने पाए।
आम तौर पर महिलाओं दबंग और रसूखदार लोगों के जहां पर कई बार अकेली भी मजदूरी करने चली जाती थी, जिससे बाद में उनके शोषण की शिकायतें सामने आती थी। अगर कोई महिला अकेले काम पर जाती है तो उसे दंडित किया जाएगा या उसे समाज से बाहर कर दिया जाएगा।