
क्या था घटनाक्रम
पुलिस के मुताबिक, लड़की भोपाल के एमपी नगर इलाके में स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट से सिविल सर्विसेस (यूपीएससी) की तैयारी कर रही है। 31 अक्टूबर की शाम करीब 7.30 बजे वह कोचिंग से घर लौट रही थी। तभी रेलवे स्टेशन के आउटर पर 4 लड़कों ने उसे घेर लिया। पहले उसके साथ छेड़छाड़ की गई। इसके बाद उसे डरा-धमका कर झाड़ियों में ले गए और गैंगरेप किया। घटना के बाद वह किसी तरह भागकर हबीबगंज स्टेशन के पास बने सरकारी क्वार्टर स्थित अपने घर पहुंची। कुछ देर डरी-सहमी रोती रही, फिर फैमिली को वारदात की जानकारी दी। उसके पिता रेलवे पुलिस (आरपीएफ) में सब इंस्पेक्टर हैं।
पीड़िता का परिवार थानों के चक्कर लगाता रहा
आरोप है कि जब बेटी के साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए फैमिली भोपाल पुलिस के पास पहुंची तो उन्हें दूसरे थाने का मामला बताकर चलता कर दिया गया। बुधवार को फैमिली घंटों तक एमपी नगर और हबीबगंज थाने के चक्कर काटती रही। इसके बाद बताया गया कि मामला जीआरपी थाने का है। फिर जीआरपी ने मेडिकल जांच कराने के बाद केस दर्ज किया। इसमें रेप की बात कन्फर्म हुई है।
एसआई ने मौका मुआयना किया फिर भी मामला दर्ज नहीं किया
घटना के अगले दिन यानी बुधवार सुबह करीब 11 बजे लड़की अपनी मां और पिता के साथ एमपी नगर थाने पर पहुंची। यहां उनकी मुलाकात एसआई आरएन टेकाम से हुई। टेकाम उन्हें लेकर मौके पर पहुंचे और मामला हबीबगंज थाने का बताते हुए वहां जाने की सलाह दे दी। जबकि वे चाहते तो अपने थाने में शून्य पर मामला दर्ज कर केस डायरी जीआरपी या हबीबगंज पुलिस को भेज सकते थे। डीआईजी संतोष कुमार सिंह के मुताबिक, इस तरीके को लापरवाही मानते हुए टेकाम को सस्पेंड कर दिया गया।
आईजी पुलिस मकरंद देवस्कर ने बताया था रिपोर्ट दर्ज करने में देरी को लेकर टीआई रवींद्र यादव (हबीबगंज), संजय सिंह बैस (एमपी नगर), मोहित सक्सेना (जीआरपी थाना) और दो एसआई को सस्पेंड किया गया है एवं सीएसपी एमपी नगर कुलवंत सिंह को हटाकर पीएचक्यू अटैच किया है।