भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे स्वर्गीय सत्यदेव कटारे को आवंटित किए गए सरकारी बंगले से कुछ सामान के गायब होने की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि विधानसभा सचिवालय इसकी रिकवरी की कार्रवाई करेगा। स्व. सत्यदेव के बेटे हेमंत कटारे अब विधायक हैं। हेमंत का कहना है कि उन्हे परेशान किया जा रहा है। पहले एसडीओपी ने फर्जी केस दर्ज कर लिया अब इस तरह की कार्रवाई की जा रही है।
शुक्रवार को संपदा संचालनालय, लोक निर्माण विभाग का अमला बंगले से छह साल पहले उपलब्ध कराए गए सामान की रिकवरी करने पहुंचा। इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल शाखा के अफसरों का कहना है कि बंगले से दो एसी, एक फ्रिज और वाटर कूलर नहीं मिला है। यह सूची विधानसभा सचिवालय को सौंप दी जाएगी, आगे रिकवरी की कार्रवाई वहीं से होगी।
विधायक हेमंत कटारे का कहना है कि यह बंगला मेरे पिताजी को आवंटित था। इसलिए क्या सामान दिया गया था, उस दौरान बंगले पर कार्यरत स्टॉफ जानकारी देगा। इतना जरूर है कि मुझे 6 अक्टूबर को सरकार से जारी नोटिस दो दिन बाद 8 अक्टूबर को मिला, जिसमें चार दिन में यानी 12 अक्टूबर तक मुझसे बंगला खाली करने को कहा गया। इस नोटिस में बंगला खाली कराए जाने के लिए भोपाल एसपी को तहसीलदार प्रीति श्रीवास्तव को पुलिस बल मुहैया कराए जाने के निर्देश दिए गए।
कटारे ने कहा कि इस पर मैने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह और अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिखकर मेरा भोपाल में भारती निकेतन स्थित पैतृक आवास जर्जर होने की स्थिति में मरम्मत पूरी होने तक 45 दिन तक बी-11, 74 बंगला में रहने की अनुमति मांगी। बाजार दर से किराया दिए जाने की भी बात कही, जिसे खारिज कर दिया गया। इस पर मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जहां से कोर्ट ने मुझे 45 बंगले में रहने की अनुमति दी और स्पष्ट निर्देश दिए कि आवास खाली कराए जाने में पुलिस बल का उपयोग किया जाए।