कोलारस-मुंगावली जीतने के लिए नियमों को ताक पर रखकर हुए टेंडर | MP NEWS

भोपाल। कोलारस-मुंगावली विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए डेढ़ लाख करोड़ के कर्जे में चल रही शिवराज सिंह सरकार ने खजाने खोल दिए हैं। एक के बाद एक इस तरह के फैसले किए जा रहे हैं कि मतदाता पुरानी बातें भूलकर नए तोहफों से प्रभावित हो जाएं और जीत का रास्ता आसान हो जाए। पिछले दिनों शिवपुरी में सहरिया सम्मेलन का आयोजन किया गया। महिलाओं को ना केवल 1000 रुपए प्रतिमाह देने का ऐलान किया बल्कि फटाफट कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराकर चैक वितरण भी सुनिश्चित कर लिया गया। इसी तरह तेंदुपत्ता मजदूरों को चप्पलें और पानी की बोतल देने के लिए 90 करोड़ खर्चा किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जल्दबाजी में टेंडर की प्रक्रियाओं का पालन भी नहीं किया जा रहा। बता दें कि दोनों सीटों पर भाजपा का मुकाबला कांग्रेस के स्टार प्रचारक ज्योतिरादित्य सिंधिया से है। 

लघु वनोपज संघ और लघु उद्योग निगम के अफसरों ने 15 दिन के भीतर री टेंडर कॉल कर दिया है। यही नहीं एक अधिकारी को विशेष तौर पर चेन्नई भेजा गया जिससे 24 घंटे के भीतर नमूनों की गुणवत्ता की जांच पूरी हो सके। खबर है कि एलयूएन अगले एक सप्ताह में तकनीकी और फाइनेसिंयल बिड भी खोल देगा। चरण पादुका और पानी की बॉटल खरीदने करीब 90 करोड़ का प्लान है। 

प्रदेश के 25 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका उपलब्ध कराया जाना है। इसके लिए राज्य शासन ने लघु वनोपज संघ और लघु उद्योग निगम के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है। कमेटी ने पिछले माह चरण पादुका के लिए टेंडर जारी किए थे। जूते और चप्पल सप्लाई के लिए 30 से अधिक कंपनियों ने आॅफर दिए थे जबकि बॉटल के लिए पांच कंपनी आगे आर्इं। पादुका की गुणवत्ता जानने के लिए नमूने सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट चेन्नई और बॉटल के लिए सीपेट भोपाल नमूने भेजे गए।

मुश्किल है समय पर काम पूरा होना
अफसरों का मानना है कि 26 जनवरी से योजना शुरू होना कठिन है क्योंकि फाइनेंसियल बिड खुलने के बाद इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ माह से अधिक समय लग सकता है, जबकि सरकार चाहती है कि कोलारस-मुंगावली की आचार संहिता लागू होने से पहले यह कार्यक्रम सम्पन्न हो जाए। 

रेट अधिक होने से री टेंडर बुलाया
एलयूएन ने फाइनेंसियल बिड में पाया कि जूते-चप्पल के लिए कंपनियों ने काफी अधिक रेट लगे हैं लिहाजा टेंडर निरस्त कर दिया गया और री टेंडर के लिए विज्ञापन जारी कर दिया। वहीं पानी की बॉटल के लिए न्यूनतम रेट देने वाली कंपनी को स्वीकृति दे गई।

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