जितने आतंकवादी मारोगे, उतने और आ जाएंगे: CM महबूबा मुफ्ती | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। भाजपा के समर्थन के जम्‍मू-कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री बनीं महबूबा मुफ्ती ने कहा है, 'अगर हम 200 आतंकियों का खात्मा करेंगे तो पाकिस्तान से 200 और आ जाएंगे, ऐसे में क्या करें?' महबूबा ने कहा, 'हमें वही करने की जरूरत है जो अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में किया गया था। मुझे विश्वास है कि हालात को बदला जा सकेगा' वह पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा पाकिस्तान को लेकर शुरू की गई शांति पहलों का जिक्र कर रहीं थीं। बता दें कि भारतीय सेना इन दिनों जम्‍मू-कश्‍मीर में आॅपरेशन आॅल आउट चला रही है। इसके तहत जम्‍मू-कश्‍मीर में छुपे हुए आतंकवादियों को ढूंढ ढूंढकर मारा जा रहा है। 

इंडिया फाउंडेशन की पहल 'इंडिया आइडियाज कॉनक्लेव 2017' के एक संवाद सत्र के दौरान कल शाम महबूबा ने कहा, आतंकियों के सफाए मात्र से राज्य की समस्याएं सुलझ नहीं जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद, लड़ाई और कार्रवाई पर जारी वर्तमान विमर्श में बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा, 'सेना और अन्य सुरक्षा बलों के कर्मियों को ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना काम बहुत हद तक पूरा किया है। अब राजनीतिक प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए सहानुभूतिपूर्ण नीति की आवश्यकता है।

पीडीपी की नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर विमर्श बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'वर्तमान में विमर्श आतंकवाद, लड़ाई और कार्रवाई को लेकर है। विमर्श बदलने की जरूरत है और इसमें पूरे देश की मदद की जरूरत है। उन्होंने अपने पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद को याद करते हुए कहा, 'ऐसा नहीं है कि आप एक गोली देंगे और रातोंरात सबकुछ बदल जाएगा। मुझे याद है जब मैं छोटी थी तब लोग कहा करते थे कि मुफ्ती साहब बहुत अच्छे हैं पर हिंदुस्तानी हैं। मुझे समझ नहीं आता कि वह अच्छे व्यक्ति थे तो ऐसा क्यों कहा जा रहा था कि वह हिंदुस्तानी हैं।

उन्होंने कहा, 'मेरे लिए तो भारत का मतलब इंदिरा (गांधी) था, मेरे लिए भारत का मतलब ताजमहल था... हम वे फिल्में देखा करते थे। (जम्मू-कश्मीर) में मेरी तरह लाखों लोग हैं जो भारत को समझते हैं। ऐसे लोग भी हैं, हालांकि उनकी संख्या कम है, जो इसमें विश्वास नहीं रखते'। महबूबा ने कहा कि घाटी में ऐसे कई लोग हैं जो कठिन परिस्थितियों में फंस गए। उन्होंने कहा, 'हम इस स्थिति से जितनी जल्दी हो सके, निकलेंगे, आपको कश्मीरियों को राष्ट्रवाद सिखाने की कोई जरूरत नहीं होगी बल्कि वे ही आपको यह (राष्ट्रवाद) सिखा देंगे।

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