
दरअसल गिरारी गांव के रज्जूटोला में रहने वाली 60 साल की बुजुर्ग महिला की 25 साल की शादीशुदा बेटी कई दिनों से बीमार थी। लिहाजा बुजुर्ग महिला बेटी का इलाज करवाने के लिए उसे गौरेला के सरकारी अस्पताल में लाई थी। कई दिनों अस्पताल में भर्ती रहने पर युवती की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद बुजुर्ग मां अपनी बेटी को झाड़फूंक करवाने के लिए ले गई लेकिन यहां से लौटने के दौरान महिला और उसकी बेटी को ऑटो वालों ने बैठाने से इंकार कर दिया। महिला काफी देर तक घर लौटने के लिए साधन का इंतजार करती रही।
मीडियाकर्मियों ने की मदद
लेकिन जब किसी ने भी मदद नहीं की तो मजबूर बुजुर्ग मां ने अपनी 25 साल की बीमार बेटी को गोद में बैठाकर घर की तरफ बढ़ना शुरु कर दिया। इस दौरान कई लोगों की निगाह महिला और उसकी बेटी पर पड़ी लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया ऐसे में स्थानीय मीडियाकर्मियों ने बुजुर्ग मां और उसकी बेटी को मदद की और उसे उसके गंतव्य तक पहुंचाया। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सरकार की ऐसी कोई सुविधा लोगों को पता ही नहीं है जो इस तरह की परेशानियों में नागरिकों की मदद करती हो।