
बताया गया है कि ये परीक्षाएं ठीक वैसे ही होंगी, जिस तरह से बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षाएं होती हैं। इनके प्रश्नपत्र भी इसी आधार पर बनाए जाएंगे। खास बात यह है कि परीक्षाएं खत्म होने के 10 दिन के भीतर स्कूलों को परिणाम भी घोषित करना होगा। परीक्षाएं 8 दिसंबर से शुरू हो रही हैं। पिछले चार-पांच साल से हाई स्कूल का परिणाम 55 फीसदी के भी नीचे जा रहा है। लाख जतन के बाद भी पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत बढ़ नहीं रहा। इस कारण इस बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि छह माही परीक्षा समाप्त होते ही दस दिन के भीतर रिजल्ट भी घोषित कर दिया जाए।
परिणाम के आधार पर समीक्षा
परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। छात्रों ने सबसे ज्यादा गलती कहां की है और वार्षिक परीक्षा में कौन-कौन से संभावित प्रश्न हैं, उन्हें हल करवाया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक छह माही परीक्षा के तुरंत बाद ही रेमेडियल कक्षाएं भी लगाई जाएंगी। मुख्य रूप से गणित, विज्ञान, इंग्लिश जैसे विषयों के लिए इसे लगाया जाना है।
बताएंगे कहां की गलती
छह माही परीक्षा का परिणाम आने के बाद छात्रों को संबंधित विषय के शिक्षक यह बताएंगे कि उन्होंने कहां गलती की है। किस प्रश्न को हल करने का तरीका क्या है। जरूरत पड़ने पर विभिन्न् सेक्शन के छात्रों को एक साथ बैठाकर भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह देखा जाएगा कि अधिकांश छात्रों ने कहां गलती की है, उसके आधार पर भी उन्हें संबंधित विषय के बारे में बताया जाएगा, ताकि वे उस गलती को वार्षिक परीक्षा में न दोहराएं।
भेजना होगी रिपोर्ट
अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों को परीक्षा परिणाम की रिपोर्ट से जिला शिक्षा अधिकारी को भी अवगत करवाना होगा। इसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय को भी परिणाम से अवगत करवाया जाएगा। परिणाम की समीक्षा होगी और उसके हिसाब से स्कूलों को इसे सुधारने की रणनीति बनानी होगी।