भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी के जरिए होने जा रही पटवारी भर्ती परीक्षा मध्य प्रदेश सरकार के सामने सबसे बड़ा सवाल बन गई है। आलम ये है कि करीब नौ हजार पदों के लिए 10 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने पटवारी की नौकरी के लिए आवेदन किया है। इस लिहाज से ये भर्ती प्रदेश के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा बन गई है। इस परीक्षा में हर रोज 25000 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे, तब जाकर 23 दिनों में परीक्षा को पूरा कराया जा सकेगा।
पटवारी परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की इतनी तादाद का आलम तब है जब इस पर परीक्षा में आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता हायर सेकेंडरी से बढ़ाकर ग्रेजुएट कर दी गई है। खास बात ये कि नौकरी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों में कई इंजीनियरिंग ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, एमबीए और पीएडी होल्डर अभ्यर्थी तक शामिल हैं। पटवारी भर्ती की इस गलाकाट प्रतियोगिता में अब सवाल बीजेपी सरकार की उन नीतियों पर उठ रहे हैं जो युवाओं को रोजगार और कारोबार लगाने के लिए चलाई जा रही हैं।
पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है, कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा है कि 14 साल के बीजेपी कार्यकाल में मध्य प्रदेश में रोजगार की स्थिति बेहद खराब हुई है। कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने रोजगार उपलब्ध कराने के मोर्चे पर सरकार को नाकाम बताया है।
दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि इसे सरकारी नौकरी में युवाओं के बढ़ते आकर्षण के नजरिए से देखा जाना चाहिए।