
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को 5वां राज्य घोषित करने की तैयारी में है। लेकिन क्षेत्र के कारोबारियों का कहना है कि पाकिस्तान इस इलाके में अधिक टैक्स वसूल रहा है, जबकि यह क्षेत्र आर्थिक तौर से बेहद कमजोर है। स्कर्दू में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एक आंदोलनकारी नेता ने कहा, ‘क्या आप घर में रखे चिकन के लिए भी टैक्स देंगे? क्या दूध के लिए पाली गाय का भी टैक्स दें?’ पाक की कर व्यवस्था को गलत बताते हुए उन्होंने कहा, ‘परिवार में पांच से अधिक सदस्य हैं तो आपका टैक्स देना होगा।’ प्रदर्शन में शामिल एक कारोबारी ने कहा, ‘हम टैक्स नहीं देंगे। कराची, क्वेटा, लाहौर और अन्य इलाकों में बसे गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग तैयार रहें। हम इस्लामाबाद कूच करेंगे।’ पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करते गिलगित बाल्टिस्तान के कारोबारी।
विवादित इलाके में टैक्स वसूली का अधकार नहीं
एक कारोबारी ने कहा, “इस्लाम का सिद्धांत है कि बिना अधिकार दिए टैक्स नहीं ले सकते। हमारा कोई प्रतिनिधित्व नहीं है तो हम टैक्स क्यों भरें।’ कारोबारियों का कहना है कि जब पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट इस इलाके को विवादित मानता है तो इस्लामाबाद को यहां टैक्स वसूलने का कोई अधिकार नहीं है।
बिना अधिकार व सब्सिडी दिए बढ़ा रहे हैं टैक्स
कारोबारियों ने कहा कि मूलभूत अधिकार, सब्सिडी या संवैधानिक हक दिए बिना टैक्स बढ़ाया गया है। यहां का टैक्स कभी गिलगित-बाल्टिस्तान के विकास पर खर्च नहीं होता। अध्यादेश के जरिए पाकिस्तान टैक्स बढ़ा रहा है। कारोबारियों ने कहा कि पाकिस्तान जब तक टैक्स वापस नहीं लेता, तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे।