
हादसे में घायल धर्मदास ने बताया- करीब 250 से 300 लोग बॉयलर के पास काम कर रहे थे। हम लोग रोज इसी तरह अलग अपना काम करते थे। किसी को नहीं पता था कि क्या होने वाला है। अचानक धमाका हुआ। बॉयलर के पास काम कर रहे लोग धमक से दूर जा गिरे। जो पास थे वो पूरी तरह झुलस गए। हम लोग बॉयलर से कुछ दूर अपना काम कर रहे थे। इसलिए, ज्यादा नहीं झुलस पाए। वो मंजर बहुत भयानक था। भगवान जाने, हम कैसे बच ही गए। उस पल तो ऐसा लगा था कि बचेंगे ही नहीं।
लोग सिर्फ वहां से भागना चाहते थे
झारखंड के विंध्याचल ने बताया- जो लोग ज्यादा झुलसे थे, वो फर्श पर गिर गए। कुछ घायल तो किसी ना किसी मशीन की आड़ लेकर वहीं रुक गए। जो फर्श पर थे वो घिसट-घिसट कर वहां से बाहर निकलना चाहते थे, कोई किसी की मदद नहीं कर रहा था। सब वहां से निकलना चाहते थे। कुछ लोगों की मौत हो गई थी। उनकी डेड बॉडीज के ऊपर से चढ़कर भी लोग निकल निकल रहे थे। हो सकता है, इस भगदड़ में कुछ घायल इसी वजह से मारे भी गए हों। वहां अफरातफरी का माहौल था।
हर तरफ चीख-पुकार
इसी जगह काम करने वाले घायल अवधेश ने बताया- मैं बॉयलर से दूर काम कर रहा था। आग से बहुत झुलस गया। धमाका बहुत तेज हुआ था। धमाका होते ही कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया। उसके बाद हर तरफ चीखें सुनाई दे रहीं थीं। हर कोई रो रहा था। सब बचा लो-बचा लो चिल्ला रहे थे। मेरा एक साथी मुझे बाइक पर यहां (हॉस्पिटल) लेकर आया।