
महिला का नाम संतोष ऊर्फ संध्या है। 1999 में उसकी शादी बनवारी शर्मा से हुई थी। दोनों की उम्र में 10 साल का फर्क था। यह बात संध्या को बुरी लगती थी। शादी के कुछ साल तक तो सब ठीक रहा, लेकिन फिर संध्या का मन घर में नहीं लगने लगा। वह स्कूल के दिनों के अपने साथी हनुमान प्रसाद जाट से मिलने लगी। यह बात उसके पति और बड़े बेटे को पता चली तो उन्होंने पाबंदी लगा दी।
यह बात संध्या को जरा भी रास नहीं आई और उसने प्रेमी के साथ मिलकर पूरे परिवार के सफाए का प्लान बना डाला। एक दिन रात के अंधेरे में उसने प्रेमी और उसके साथियों में घर में बुलाया और गहरी नींद सो रहे पति, तीन बच्चों और एक भतीजे की हत्या करवा दी।
इसके बाद प्रेमी के साथ स्कूटी से रेलवे स्टेशन की ओर भाग गई। जघन्य हत्याकांड की सूचना मिलने पुलिस पहुंची और आरोपियों की तलाश शुरू की। जल्द ही सभी पकड़े गए। शुरू में संध्या ने खुद को बचाते हुए प्रेमी को फंसाने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही जुर्म कबूल लिया। तब से संध्या अलवर जेल में बंद है।