बैतूल। सर्व शिक्षा अभियान के तहत शासन से छात्र-छात्राओं की हर सुविधा के नाम पर मिलने वाली राशि को पलीता लगाने में जिम्मेदारों ने कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी है। नया मामला निःशुल्क साइकल वितरण योजना का सामने आया है। इससे जुड़े सारे दस्तावेज एपीसी फायनेंस की अलमारी से पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। इन दस्तावेजों की पड़ताल के बाद 1.88 करोड़ की धोखाधड़ी में आरोपी बनाए गए 6 लोगों के अलावा अन्य भी गिरफ्त में आएंगे।
जिले में डीपीसी के पद पर पदस्थ रहे जीएल साहू, एपीसी फायनेंस मुकेश चौहान समेत 4 सीएसी की मिलीभगत से वर्ष 2012 से लेकर 2015 तक साइकल वितरण के लिए शासन से मिली लाखों की राशि को माध्यमिक शालाओं में जारी कर प्रधान पाठकों से वापस ले ली गई और दोबारा उन फर्जी खातों में जमा कराई गई जिनका संचालन धोखाधड़ी के आरोपी बनाए गए सीएसी कर रहे थे।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एपीसी फायनेंस की अलमारी से जब्त किए गए दस्तावेजों के प्रारंभिक परीक्षण में ही यह सामने आ रहा है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलाई जाने वाली सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में राशि का हेरफेर किया गया है। पुलिस की जांच टीम बारीकी से हर आवंटन और उसके उपयोग से संबंधित दस्तावेजों को खंगाल रही है।
फरार आरोपियों की अब होगी गिरफ्तारी
1.88 करोड़ की धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले डीपीसी, एपीसी और सीएसी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने अब कवायद शुरू कर दी है। प्रकरण दर्ज करने वाले उप निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि सोमवार को इस मामले में कोई खास कार्रवाई नहीं की गई है। अब तो पुलिस के द्वारा सभी फरार आरोपियों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। जांच के दौरान पुलिस को यदि अन्य लोगों से पूछताछ करने की जरूरत महसूस होगी तो उन्हें भी तलब किया जाएगा। मामले की जांच अधिकारी एसडीओपी पार्वती सोलंकी ने बताया कि सोमवार को उच्च न्यायालय जबलपुर में आवश्यक कार्य होने के कारण मामले में कुछ खास नहीं हो पाया है।