आदिवासियों के साथ जमकर नाचे दिग्विजय सिंह एवं अमृता राय | DIGVIJAY SINGH NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दिनों पैदल नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं। यह पूरी तरह से निजी और धार्मिक यात्रा है लेकिन दिग्विजय सिंह के होने के कारण बार बार सुर्खियों मेंं आ रहे हैं। यात्रा बड़वानी जिले के पाटी क्षेत्र में पहुंची, जहां आदिवासियों ने मांदल बजाकर उनका और उनकी पत्नी अमृता राय का स्वागत किया। पूर्व मुख्यमंत्री को मांदल की थाप इतनी अच्छी लगी कि वो खुद और उनकी पत्नी अमृता सिंह अपने आपको रोक पाए और दोनों जमकर नाचे। 

अपनी नर्मदा परिक्रमा के दौरान लगभग एक पखवाड़े तक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह पश्चिम निमाड़ के क्षेत्र में रहे। यह क्षेत्र नर्मदा के लिहाज से चाहे धार्मिक व आध्यात्मिक रहा हो। सिंह खुद चाहे इस यात्रा को निजी और धार्मिक बताते रहे हों परंतु राजनीतिक पंडितों के अनुसार यह यात्रा इस क्षेत्र में अलग रंग ले चुकी है।

समर्थकों ने की नारेबाजी 
उल्लेखनीय है कि 30 अक्टूबर से 13 नवंबर तक नर्मदा परिक्रमा में कांग्रेस के दिग्गज नेता अलग-अलग स्थानों पर उनसे मुलाकात करते रहे। इस मुलाकात में चाहे सादगी दिखी हो परंतु उनके कट्टर समर्थक नारेबाजी और शक्ति प्रदर्शन में पीछे नहीं रहे। इसी कारण इस क्षेत्र को सबसे अधिक चर्चित माना जा रहा है। इधर चित्रकूट विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस की जीत से इस यात्रा का असर और अधिक दिखने लगा है। दिग्विजय सिंह जहां नर्मदा के घाटों की तरह मौन रहे, परंतु राजनेता लहरों की तरह उनसे टकराते रहे।

सिंधिया भी शामिल हुए, 13 किलोमीटर पैदल चले 
इस क्षेत्र में ज्योति से कांति तक का नर्मदे हर का नजारा मिला। जैसे ही दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता राय सिंह ने जिले की सीमा में प्रवेश किया, उसके 1 दिन बाद ही कांग्रेस के संभावित सीएम उम्मीदवार माने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया बड़वाह में उनसे मुलाकात करने 3 किमी पैदल चले। ज्योतिरादित्य समर्थक न केवल जिले से शामिल हुए बल्कि प्रदेश भर के उनके समर्थक भी यहां पहुंचे। बड़वाह से लगाकर बेड़िया के बीच नर्मदा की पट्टी पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम खासा चर्चा में रहा।

कमलनाथ दे गए संकेत 
इस यात्रा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने भी कमान संभाल ली। हालांकि यादव ने इस तरह की नारेबाजी और प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी, परंतु यह क्षेत्र उनके लोकसभा क्षेत्र व पैतृक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। सिंधिया के लौटने के बाद ही कसरावद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दूसरे दिग्गज व सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले सांसद कमलनाथ ने डेरा डाला। महज 30 मिनट की मौजूदगी में कमलनाथ ने जिस तरह का माहौल खड़ा किया, उससे साफ संकेत है कि कमलनाथ ने भी यादव के इसी क्षेत्र को चुनना महत्वपूर्ण समझा।

सक्रिय रहे विधायक और दावेदार
कसरावद विधायक सचिन यादव ने पूरे मार्ग में सिंह के साथ पैदल यात्रा की। बड़वाह क्षेत्र में कांग्रेस के बागी प्रत्याशी होने के बावजूद विधानसभा चुनाव में नंबर दो पर रहने वाले सचिन बिरला ने यहां अपनी सक्रियता से नई उम्मीद खड़ी की। खरगोन विधानसभा के प्रत्याशी रहे रवि जोशी भी पूरी ताकत के साथ नावड़तौड़ी में मौजूद दिखाई दिए। उधर बड़वानी जिले की सीमा में कमलनाथ के समर्थक बाला बच्चन ने पूरी कमान संभाली। पश्चिम निमाड़ की आखरी सीमा में रही सही कसर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व सांसद कांतिलाल भूरिया ने पूरी कर दी। इधर विधायक व जिलाध्यक्ष झूमा सोलंकी व विधायक विजयसिंह सोलंकी भी यात्रा में दिखाई दिए।

फोकस में रहे यादव
आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दिग्गजों ने इस क्षेत्र को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना। प्रदेशाध्यक्ष यादव फोकस में रहे। मुख्य कारण यही माना जा रहा है कि यहां कांग्रेस को अधिक संभावनाएं दिखाई दे रही है। यहां कांग्रेस की एकजुटता का असर मालवा व निमाड़ के लिए माना जा रहा है। उधर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान का भी क्षेत्र होने के कारण पार्टी ने इस यात्रा पर नजर बनाए रखी। देखना है कि आने वाले समय में नर्मदा परिक्रमा व कांगे्रस दिग्गजों की आमद का चुनाव में कितना लाभ मिलता है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !