सागर के सपूत राजा दुबे की कहानी: CM की सभा में हुआ था निधन | SAGAR NEWS

मनोज/केसली। सीएम शिवराज सिंह चौहान की सभा से ठीक पहले मंच पर तैयारियां कर रहे भाजपा के 38 वर्षीय जिलाध्यक्ष राजा दुबे की हार्टअटैक से मौत हो गई। असमय हुई इस मृत्यु ने केवल सागर ही नहीं बल्कि पूरे देश के भाजपाईयों की आखें नम कर दीं। केसली समेत सारा सागर जिला गमज़दा है। आइए जानते हैं सागर के सपूत राजा दुबे की कहानी, कैसे आए वो राजनीति में और क्या कुछ किया: 

गृहमंत्री ने राजनीति में आमंत्रित किया था
माटी का कर्ज उतारने की चाहत राजा दुबे को भोपाल से केसली ले आई थी। व्यापार में सफलता की बुलंदियो पर खडे राजा दुबे अपने गांव की माटी और क्षेत्र की जनता की सेवा के लिए राजनीति में आए थे। 24 अक्तूबर 1977 को जन्मे राजा दुबे 25 नवम्बर 2017 को अनंत की यात्रा पर निकल पड़े। समाजसेवा को जीवन का लक्ष्य मानकर लोगो के बीच पहुचे राजा दुबे ने केसली ब्लाक के आदीवासी गांव में विशाल शिव मंदिर की स्थापना की। इसके बाद राजा दुबे ने प्रदेश के होम मिनिस्टर भूपेद्र सिंह के कहने पर राजनीति में कदम रखा। 

भाजपा का कार्यालय भवन बनवाया
राजनीति में आना राजा दुबे का समाजसेवा का ही दूसरा पड़ाव था। 2013 में प्रदेश सह सन्योजक बने श्री दुबे वर्तमान में सागर जिला भाजपा अध्यक्ष के रूप में पार्टी की सेवा कर रहे थे। पार्टी में अपनी सक्रीयता से पहचान बनाने वाले राजा दुबे की जिला कार्यालय भवन निर्माण और प्रदेश कार्य समिति की बैठक सागर में कराने में खास भूमिका रही। यही वजह थी की राजा दुबे का कद पार्टी में तेजी से बढने लगा।

शोक जताने सीएम शिवराज सिंह आए

25 नबम्बर को मुख्यमंत्री की विकास यात्रा के दौरान राजा दुबे हृदयगति रुकने की बजह से लोगो के बीच नहीं रहे। जहां श्री दुबे की मृत्यु का समाचार आग की तरह फैला वहीं लोग इसे मानने तैयार नहीं थे। राजा दुबे के शव को देर शाम सागर श्री चिकित्सालय से तेन्दूडाबर ले जाया गया। रविवार सुबह 10:30 पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह हैलीकापटर से राजा दुबे के घर तेन्दूडाबर पहुचे। परिजनो को साहस बंधाने के बाद सीएम 10 मिनिट तक लोगो के बीच मौजूद रहे और प्रहलाद पटेल व अन्य जनप्रतिनिधियो से घटना पर विस्तार से चर्चा की। 

हर दल के नेता अंतिम यात्रा में शामिल हुए

मिनिस्टर भूपेद्र सिंह, सांसद प्रहलाद पटेल, विधायक हर्ष यादव, भानू राणा ने राजा दुबे को अनंत पर जाते समय कंधा दिया। पुत्र राजे ने मुखाग्नि देकर राजा दुबे को अग्नि को समर्पित किया। राजा दुबे के अंतिम दर्शन करने भाजपा के साथ काँग्रेस व अन्य दलो के दिग्गज नेता पहुचे। वही हजारो की संख्या में पहुचे आदिवासियो व आमजन ने नम आंखो से जिला भाजपा अध्यक्ष राजा दुबे को विदा किया।

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