जलती CAR में पड़ी थी व्यापारी की लाश, पुलिस आग बुझाकर चली गई

इंदौर। पुलिस की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। सनावद के पास एक कार में आग लगने की सूचना ग्रामीणों ने डायल 100 और फायरबिग्रेड को दी। पुलिस मौके पर आई और फायरबिग्रेड की मदद से कार में लगी आग को बुझावाया एवं चली गई। पुलिस ने देखा ही नहीं कि कार में क्या है। बाद में गांव के सरपंच ने जब देखा तो पता चला कार मेें एक लाश है। शिनाख्त अनाज व्यापारी अनिल जैन के रूप में हुई। पता चला कि वो 4 दिन से लापता था, पुलिस ने गुमशुदगी का मामला तक दर्ज करने में देरी की। 

मामले में एक बार फिर भंवरकुआं पुलिस की लापरवाही सामने आई है। व्यापारी के लापता होने के बाद परिजन थाने के चक्कर लगाते रहे लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव के बाद गुमशुदगी तो दर्ज कर ली गई लेकिन व्यापारी को खोजने के प्रयास नहीं किए। घटना सनावद से आठ किमी दूर बांसवा गांव की है। पुलिस के अनुसार सोमवार रात 11.30 से 12 बजे के बीच रास्ते पर कार जलती देख प्रत्यक्षदर्शियों ने सनावद फायर ब्रिगेड और डायल 100 को खबर की। आग बुझाकर अमला लौट गया।

मंगलवार सुबह गांव के सरपंच दरियाव सिंह को कार की डिक्की में नर कंकाल दिखा तो पुलिस को सूचना दी। कार पर इंदौर का नंबर होने और इसके अनिल जैन के नाम दर्ज होने पर सनावद पुलिस ने इंदौर पुलिस से संपर्क किया। सूचना पर पहुंचे बेटे अंशुल जैन ने कंकाल के पास मिली चेन और अंगूठी से मृतक की पहचान अनिल जैन (55) निवासी भगवानदीन नगर के रूप में की। पुलिस ने कंकाल को एमवाय अस्पताल पहुंचाया। 

भगवानदीन नगर के 1 नंबर बंगले में अनिल जैन का परिवार रहता है। पत्नी अचला, दो बेटियां अंकिता, अल्पी और बेटा अंशुल है। अंकिता दुबई में एक निजी कंपनी में नौकरी करती जबकि अल्पी शहर में ही नौकरी करती है। बेटा अंशुल एक्सिस बैंक में है। अनिल का मंडी में अनाज का कारोबार है। उनका विष्णुपुरी में एक हॉस्टल व शिवमपुरी में बिल्डिंग है जो उन्होंने किराए से दे रखी है।

ठेकेदार पर शक
सनावद स्थित बैंक में चार माह से पदस्थ अंशुल दो दिन से अवकाश पर थे। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से उनके पिता के हॉस्टल में निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें कुछ ठेकेदार काम कर रहे हैं। बेटे को शक है कि उनमें से किसी एक ने उन्हें बुलवाया था। उन्होंने पोस्टमार्टम व डीएनए टेस्ट करवाकर संबंधित ठेकेदार से कड़ी पूछताछ की मांग की है।

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