
मामला अनुजा विलेज कॉलोनी का है। रविवार को भूमिपूजन करने के लिए हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा कार्यकर्ताओं के साथ कॉलोनी में पहुंचे और 2018-19 तक यहां अन्य विकास कार्य करने की घोषणा की, लेकिन जैसे ही सोमवार की सुबह लोग चौंक उठे जब उन्होंने देखा कि जनभागीदारी से बनने वाली सड़क पर भी रामेश्वर शर्मा का बोर्ड लगा हुआ है। स्थानीय पार्षद भी नाराज है क्योंकि इस कार्यक्रम में उसे आमंत्रित तक नहीं किया गया।
बता दें कि यहां सड़क नाली का निर्माण जनभागीदारी से होना है। इसके लिए कॉलोनी के लोग लंबे समय से ग्राम पंचायत में जमा 39 लाख रुपए की डेवलपमेंट राशि को हस्तांतरित करवाने का प्रयास कर रहे थे। इसी पैसे से कॉलोनी का विकास हो रहा है और इसे विधायक निधि का बताने पर लोगाें में रोष है।
बोर्ड लग गया है तो समस्या क्या है: रामेश्वर शर्मा
विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए कहा कि जनभागीदारी का पैसा मैंने ही मेहनत करके ग्राम पंचायत से हस्तांतरित करवाया है। मुख्यालय निधि भी सरकार की है। विधायक निधि का बोर्ड किसने लगाया, ये मुझे नहीं पता और यदि बोर्ड लग भी गया है तो इससे किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए, क्योंकि रुपए सरकार के हैं।
महापौर आलोक शर्मा आने वाले थे भूमि पूजन करने
जनभागीदारी योजना में 39 लाख रुपए कॉलोनी के और बाकि 42 लाख मुख्यालय निधि के हैं। कायदे से भूमिपूजन में महापौर को भी निमंत्रण देना था और कार्यक्रम स्थल पर जनभागीदारी का बोर्ड लगना था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। मंजीतमारन, पार्षद, वार्ड-84
17 साल से कर रहे संघर्ष
कॉलोनी में विकास कार्यों के लिए हम 17 सालों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन इसे विधायक निधि का बताना गलत है। हमने विधायक से कई बार विकास कार्यों को करवाने के लिए संपर्क किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
प्रदीपनायर, अध्यक्ष, अनुजा विलेज कॉलोनी
90 के दशक में विकसित हुई इस कॉलोनी में विकास कार्य ना होते देख रहवासियों ने बिल्डर पर दबाव बनाया था। इसके बाद बिल्डर ने एक संयुक्त खाता बनवाकर 32.51 लाख रुपए ग्राम पंचायत में जमा कराए थे। इसे जनभागीदारी योजना के लिए हस्तांतरित करवाने लोगों ने समिति बनाकर 2006 से संघर्ष करना शुरू किया था। इसके बाद इसी साल अप्रैल माह में तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवड़ेे ने तहसील हुजूर के अनुभागीय अधिकारी को कॉलोनी के 32.51 लाख की राशि ब्याज सहित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ट्रांसफर कर जनभागीदारी योजना में लगाने के आदेश दिए थे।