भोपाल। भाजपा के एकता और अनुशासन के दावा उस समय खारिज हो गया जब मध्यप्रदेश की विधानसभा में भाजपा की महिला मंत्री अर्चना चिटनीस ने अपनी ही पार्टी की पूर्व सरकार को फेल बता दिया। मामला कुपोषण का था। सवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने किया था। महिला मंत्री चिटनीस ने उन्हे तपाक सा जवाब दिया। विवाद कुछ इस तरह का था कि कोई समझ ही नहीं सकता कि दोनों एक ही पार्टी के नेता हैं। फार्मूला 75 के नाम पर हटाए गए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अब केवल विधायक रह गए हैं। इस नाते वो अक्सर सरकार को आइना दिखा देते हैं लेकिन इस बार सरकार ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर ने राज्य में कुपोषित बच्चों की स्थिति पर सवाल पूछकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने ग्वालियर और ग्वालियर संभाग के जिलों में कुपोषित बच्चों की स्थिति को लेकर सवाल उठाया।
मंत्री चिटनीस ने गौर को दिया करारा जवाब
बाबूलाल गौर सत्र के दूसरे दिन सदन में कुपोषण के आंकड़े लेकर पहुंचे और उन्होंने आंकडों का हवाला देकर अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हालात में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ है। बाबूलाल गौर के सवाल का जबाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने गौर को आईना दिखाते हुए कहा कि आपके समय से स्थिति अच्छी है और काफी सुधार हुआ है। सामान्यत: इस तरह के जवाब कांग्रेस को दिए जाते थे। शिवराज सरकार की तुलना दिग्विजय सिंह सरकार से होती थी। पहली बार सदन के भीतर ऐसा हुआ। यहां बता देना जरूरी है कि बाबूलाल गौर मात्र 15 महीने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे जबकि शिवराज सिंह चौहान की सरकार को 12 साल हो गए हैं।
बाबूलाल गौर ने पेश किए आंकड़े
गौर ने सदन के बाहर मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि सरकार की ओर से उन्हें जो जवाब दिया गया है, उसके मुताबिक, ग्वालियर में वर्ष 2014 में 27375, वर्ष 2015 में 30930, वर्ष 2016 में 28530 और वर्ष 2017 के शुरुआती छह माह में 27866 बच्चे कुपोषित हैं। गौर का कहना है कि गरीबी इस हद तक पहुंच गई है कि कुपोषित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी मूल वजह यह है कि माताओं को पोषित आहार नहीं मिल रहा है, वे कमजोर हैं और बच्चे भी कुपोषित हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। इस वर्ष मात्र छह माह में कुपोषित बच्चों की संख्या 27866 हो गई है। यह स्थिति चिंताजनक है।
ये सवाल लगाए हैं बाबूलाल गौर ने
बीजेपी विधायक बाबूलाल गौर 75 प्लस उम्र के फॉर्मुले के चलते जबसे शिवराज कैबिनेट से बाहर हुए हैं। बाबूलाल गौर ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण चलेगी। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि विधानसभा में किन मसलों को उठाने की योजना बनायी है। तो उन्होंने बताया कि अनेकों सवाल लगाए हैं, जिसमें नर्मदा सेवा यात्रा, कुपोषित बच्चों के जीवन, मेट्रो और करोंद के भानपुर खंती के अलावा भावांतर योजना को लेकर भी सवाल पूछे गए हैं।