भोपाल। लंबे अंतराल के बाद मोबाइल कोर्ट ने न्यूमार्केट का रुख किया परंतु कोर्ट के पहुंचने से पहले ही आधे से ज्यादा न्यूमार्केट बंद हो चुका था। नगरनिगम को मात्र 76 दुकानें ही हाथ लगीं। कहा जा रहा है कि ये भी फिक्सिंग के तहत हुआ। दुकानदारों से कहा गया कि कुछ चालान तो बनवाने ही पड़ेंगे। बता दें कि न्यू मार्केट में लगभग हर दुकान ने अतिक्रमण कर रखा है लेकिन नगर निगम अधिकारियों की अवैध मासिक वसूली के चलते यहां कभी कार्रवाई नहीं होती। आज मोबाइल कोर्ट निकली तो उसकी इंफॉर्मेशन भी लीक कर दी गई।
म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट राकेश पाटीदार दोपहर करीब पौने तीन बजे मोबाइल कोर्ट लेकर न्यू मार्केट पहुंचे। उनके साथ निगम के अतिक्रमण अधिकारी कमर शाकिब और एएचओ राकेश शर्मा सहित अन्य स्टाफ था। माना जा रहा है कि इन्हीं में से किसी ने इंफॉर्मेशन लीक कर दी और अतिक्रमणकारियों को सामान समेटने का मौका मिल गया। करीब तीन घंटे तक कोर्ट न्यू मार्केट में रही। इस दौरान कोर्ट ने 76 दुकानदारों के खिलाफ चालान काटे और 2 लाख 28 हजार रुपए की राशि वसूल की गई। इसके साथ ही 15 दुकानदारों के खिलाफ चालान कार्ट में पेश किए जाएंगे।
ट्रेनों में अपडाउनर्स भी ऐसा ही करते हैं
भारत की ट्रेनों में एक बड़ी भीड़ अपडाउनर्स की होती है। ये हर रोज एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं और शाम को वापस लौटते हैं। इन सबके को रेल विभाग की ओर से सस्ते मासिक पास दिए जाते हैं लेकिन वो जनरल बोगी में सफर करने के लिए होते हैं परंतु अपडाउनर्स अक्सर स्लीपर कोच में चढ़ जाते हैं। जब कभी विजिलेंस टीम आती है तो सारे टअपडाउनर्स मिलकर एक फंड जमा करते हैं और विजिलेंस टीम को दे देते हैं। फंड के आधार पर जुर्माना की रसीदें काट दी जातीं हैं। इस तरह ट्रेन में यदि 100 अपडाउनर्स अवैध यात्रा करते हैं तो जुर्माना रसीदें सिर्फ 20 की ही बनतीं हैं। रिकॉर्ड में दिखाने के लिए कार्रवाई भी हो गई, अपडाउनर्स की प्रतिव्यक्ति जुर्माना राशि काफी हो गई और अधिकारी भी खुश। 40 चालान का पैसा मिला, 20 की रसीद बनाकर जमा करा दी। बाकी बच्चों के लिए।