नई दिल्ली। 2002 से फरार चल रहा अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमले का मास्टर माइंड अब्दुल रशीद अजमेरी पकड़ लिया गया। वो रियाद में रहता है जबकि अहमदाबाद में उसका भाई रहता है। रशीद अपने भाई से मिलने आया था। पुलिस पहले से ही जाल बिछाकर बैठी थी। जैसे ही उसने टिकट बुक किया पुलिस को पता चल गया कि रियाद आने वाला है। जैसे ही वो सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट पर उतरा पुलिस ने उसे दबोच लिया।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी दीपेन भद्रन ने बताया कि पक्की सूचना के आधार पर सऊदी अरब के रियाद से कुवैत एयरलाइन्स की एक उड़ान के जरिए यहां पहुंचे अब्दुल रशीद अजमेरी (60) को उनकी टीम ने हवाई अड्डे से पकड़ लिया। अजमेरी गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आगजनी के बाद 2002 के फरवरी मार्च में भडके गुजरात दंगों का बदला लेने की नीयत से अक्षरधाम मंदिर पर किए गए हमले के फरार साजिशकर्ताओं में से एक है। वह इस प्रकरण में निचली अदालत से सजायाफ्ता (जिसे बाद में उच्चतम न्यायालय ने बरी कर दिया था) एक पूर्व आरोपी का भाई है और उसी से मिलने के लिए आया था। वह घटना के पहले से ही रियाद में रहता था।
पुलिस उस पर निगाह रख रही थी और उसने जैसे ही अहमदाबाद के लिए हवाई टिकट बुक किया यह सूचना पुलिस को मिल गयी। बता दें कि कि गांधीनगर में मुख्यमंत्री आवास के बिल्कुल पास स्थित इस मंदिर पर 24 सितंबर 2002 को हुए आतंकी हमले में दो आतंकियों समेत 30 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी। इस मामले में यहां पोटा कानून के तहत गठित विशेष अदालत ने छह दोषियों में से तीन को फांसी तथा अन्य को उम्रकैद की सजा दी थी जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था पर बाद में 2014 में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया था।