20 साल के इतिहास में पहली बार मप्र पुलिस का इतना विरोध

शैलेन्द्र गुप्ता/भोपाल। मध्यप्रदेश के 20 साल के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि समाज के लगभग सभी वर्ग पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। भोपाल गैंगरेप मामले में पुलिस की अमानवीय धूर्तता सामने आने के बाद अब कई मामलों का खुलासा हो रहा है। पुलिस के दुर्व्यवहार से पीड़ित अब सड़कों पर उतर आए हैं। राजधानी में लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदर्शनकारियों में केवल विपक्षी दल के नेता और कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं बल्कि समाज के कई वर्ग और संस्थाएं प्रदर्शन कर रहीं हैं। 

भोपाल में  स्टूडेंट्स का एतिहासिक मार्च 
सोमवार को शहर की सड़कों पर स्टूडेंट्स का गुस्सा दिखाई दिया। छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किए। पुलिस के रवैए से नाराज एक कॉलेज की छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए गोविंदपुरा थाने का घेराव किया, तो बोर्ड ऑफिस से घटनास्थल रेलवे ट्रैक तक मार्च किया। छात्राओं ने पुलिस को दस सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। कुछ कॉलेज की छात्राएं सोमवार दोपहर हाथों में बैनर लेकर सड़क पर आ गईं। वे पीड़ित छात्रा के समर्थन और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा की मांग कर रही थीं। 

छात्राओं ने अन्ना नगर से रैली निकालकर गोविंदपुरा थाने का घेराव किया। इसके बाद देर शाम कोचिंग के छात्र-छात्राओं ने बोर्ड ऑफिस चौराहे से कैंडल मार्च रेलवे ट्रैक घटना स्थल तक निकाला। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने पुलिस काे ज्ञापन देकर आत्मरक्षा के सेंटर, महिला सेफ्टी बिल, फेंसिंग, स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी कैमरे, पेट्राेलिंग और एमपी नगर में महिला पुलिस चौकी बनाए जाने की मांग की। 

देवास में थाने का घेराव
यहां 13 वर्षीय छात्रा की रेप के बाद हत्या कर देने के मामले में आक्रोश फूट पड़ा। लोग सड़कों पर उतर आए। थाने का घेराव किया गया। इस मामले में पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज किया है परंतु आरोपियों की तलाश नहीं की जा रही। पुलिस का कहना है कि पहले पीएम रिपोर्ट देखेंगे, उसके बाद तलाश शुरू की जाएगी। इसी बात पर पब्लिक भड़क गई। 

गुना में सीएम शिवराज सिंह की अर्थी सजाई
गुना में एक नाबालिक बच्ची का रेप हो जाने के बाद पब्लिक भड़क गई। कांग्रेस ने भोपाल गैंगरेप एवं इस घटना के विरोध में सीएम शिवराज सिंह की अर्थी सजाई। पुलिस का पूरा फोकस किसी भी तरह से इस प्रदर्शन को नाकामयाब करने का था परंतु लोगों ने पुलिस को चकमा देकर अर्थी सजाई। यहां भी भीड़ का आरोप है कि पुलिस अपना काम ठीक प्रकार से नहीं कर रही। थानों में अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। 

क्यों भड़क रही है पब्लिक
मध्यप्रदेश के कई इलाकों से पुलिस की फरियादी के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें आ रहीं थीं। इस तरह की शिकायतें पिछले 8 महीनों में ज्यादा बढ़ीं हैं। शिकायतकर्ताओं की एक आम परेशानी यह थी कि वरिष्ठ अधिकारी भी उनकी शिकायत नहीं सुन रहे। मैदानी पुलिस कर्मचारियों की अभद्रता को वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा था। मंदसौर गोली कांड और टीकमगढ़ किसान पिटाई कांड में भी मैदानी अमले का अनियंत्रित हो जाना सामने आया था। भोपाल गैंगरेप मामले में भी ऐसा ही हुआ। बस इसी के साथ लोगों का सब्र टूट गया। 

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