
उत्तरप्रदेश में पिछले कुछ समय में कृषि तकनीकी सहायक पद की भर्ती सहित कई भर्तियों में आरक्षण को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। इसमें भर्ती से पहले विज्ञापन और परिणाम आने के बाद आरक्षण की स्थिति में भिन्नता पाई गई, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। कई परीक्षाओं में आरोप लगे कि सामान्य सीट पर ओबीसी का चयन कर दिया गया।
पहले विभाग अधियाचन आयोग के पास भेज देते थे और नियमानुसार आरक्षण व्यवस्था लागू करने की बात बता दी जाती थी। इसके बाद आयोग आरक्षण का निर्धारण करता था लेकिन कई मामले ऐसे सामने आए, जिसमें जब विवाद हुआ तो विभागों ने ये कहकर हाथ पीछे खींच लिए कि आयोग ने ही आरक्षण का निर्धारण किया है।
इसी को लेकर पिछले दिनों हुई आयोग के पदाधिकारियों और अफसरों की हुई बैठक में तय किया गया कि आरक्षण का निर्धारण भी विभाग ही करें। आयोग का काम सिर्फ परीक्षा कराना है। नए निर्णय के अनुसार विभाग अगर सिर्फ अधिचायन ही भेजता है और आरक्षण का निर्धारण नहीं करता है तो उसका अधियाचन वापस भेज दिया जाएगा।