मैं PM कैंडिडेट के लिए तैयार हूं, फैसला पार्टी करेगी: राहुल गांधी

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में छात्रों से संवाद करते हुए ​कहा कि मैं भारत में पीएम कैंडिडेट के लिए तैयार हूं लेकिन इसका फैसला पार्टी करेगी। उन्होने नोटबंदी को गलत बताया और अहिंसा को भारत की विशेषता बताते हुए 84 में हुए सिख दंगों को गलत करार दिया और कहा कि मैं न्याय का इंतजार कर रहे लोगों के साथ हूं। राहुल गांधी ने खुलासा किया कि 1000 लोगों का एक रैकेट है जो मेरे खिलाफ अफवाहें फैलाता रहता है। इस तंत्र को वही व्यक्ति चला रहा है जो देश चला रहा है। बता दें कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी इस कदर डर गईं थीं कि उन्होंने राहुल गांधी को कभी राजनीति की मुख्यधारा शामिल ही नहीं होने दिया। 

राहुल ने कहा कि अहिंसा ही वह रास्ता है जो भारत में रहने वाले इतने सारे लोगों को एकसाथ बढ़ने का मौका देता है। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा जब इंदिरा गांधी से पूछा गया था कि भारत ‘लेफ्ट जाएगा या फिर राइट’ तो उन्होंने कहा था कि भारत सीधा खड़ा होगा और बढ़ेगा। राहुल ने आगे कहा कि इतिहास में कोई देश ऐसा नहीं रहा है जिसने भारत के मुकाबले लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला हो। राहुल गांधी से पूछा गया कि वह कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे? इसपर राहुल ने कहा हां मैं तैयार हूं, पार्टी में यह तय करने के लिए एक प्रक्रिया है जो कि जारी है। पार्टी मिलकर इसपर फैसला लेगी।

अर्थव्यवस्था पर राहुल ने कहा कि छोटे और मध्य व्यापारी भारत का आधार हैं। फिर राहुल ने बढ़ रही हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया। राहुल ने कहा कि अब अहिंसा के विचार पर हमला हो रहा है, लेकिन यह ही एक रास्ता है जो कि मानवता को आगे लेकर जा सकता है। 

राहुल ने कहा कि नफरत, गुस्सा और हिंसा हमको खत्म कर सकती है, उन्होंने कहा कि धुव्रीकरण की राजनीति काफी खतरनाक होती है। नोटबंदी पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि ऐसे फैसले मुख्य आर्थिक सलाहकार और संसद को बिना बताए या पूछे लिए गए थे। राहुल ने कहा कि इसकी वजह से काफी नुकसान हुआ। राहुल ने कहा कि भारत को चीन से अलग चलकर एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने होंगे। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस सरकार नीतियों और आगे के प्लान के बारे में बात करती है थोपती नहीं है।

राहुल ने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों पर भी बात की। राहुल ने कहा कि वह न्याय का इंतजार कर रहे लोगों के साथ हैं और वह हर तरह की हिंसा का विरोध करते हैं। राहुल ने आगे कहा अगर मैं हिंसा को नहीं समझूंगा तो कौन समझेगा? मैंने अपने पिता और दादी को हिंसा में ही खोया है।

राहुल से पूछा गया कि क्या वह नेता नहीं बनना चाहते थे? इसपर राहुल बोले बीजेपी का एक तंत्र है जिसमें 1000 लोग कंप्यूटर पर बैठे हुए हैं और वे ही आपको मेरे बारे में बताते रहते हैं, वह तंत्र काफी अच्छे से काम कर रहा है, वे पूरा दिन मेरे बारे में अभद्र चीजें फैलाते हैं, यह तंत्र वह शख्स चला रहा है जो कि हमारे देश को भी चला रहा है।
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