दलित छात्रा सुसाइड के बाद NEET के खिलाफ भड़का गुस्सा, भूख हड़ताल

चेन्नई। NEET एग्जाम के कारण तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेज में अनीता नाम की एक दलित टॉपर छात्रा ने सुसाइड कर लिया। उसे 12वीं में 98 पर्सेंट मिले थे परंतु NEET में 86 आए और एडमिशन नहीं हुआ। इस घटना के बाद मेडिकल एंट्रेस परीक्षा NEET को लेकर जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इतना ही नहीं लगभग 14 छात्र इसके विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं। खबरों के अनुसार तमिल राष्ट्रवादी संगठन नाम तालीमार काट्ची और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे संगठन नीट के खिलाफ चेन्नई और त्रिची की सड़कों पर उतर आए हैं।

इस बीच सीएम के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को आत्महत्या करने वाली लड़की के परिजनों को सात लाख रूपये मुआवजा देने का ऐलान किया। एआईएडीएमके नेती टीटीवी दिनाकरन ने अनिता की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैं हैरान हूं कि हम सबकी प्यारी बेटी ने नीट के खिलाफ संघर्ष करते हुए आत्महत्या कर ली।"

दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हसन ने भी अनिता की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया। रजनीकांत ने फेसबुक पर पोस्ट किया, "अनिता के साथ जो भी हुआ वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कदम को उठाने के पहले उस पर क्या बीत रही होगी मैं उस दर्द को समझ पा रहा हूं। मेरी संवेदनाएं उसके परिवार के साथ है।" कमल हसन ने लिखा, "वे अनिता को अपनी बेटी समान मानते हैं और वे उसके लिए अपनी आवाज उठायेंगे।" उन्होंने इसके पीछे राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

दलित बोर्ड की स्टूडेंट अनिता ने मेडिकल में दाखिले के लिए नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। इसमें असफल होने पर उसने अपने घर पर परिजनों की अनुपस्थिति में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

बताया जाता है कि दाखिला ना मिलने पर वह अवसाद में जी रही थी। अनिता ने तमिलनाडु स्टेट बोर्ड से बारहवीं में 1,200 में से 1,176 नंबर लाए थे। हालांकि मेडिकल के लिए होने वाली नीट की परीक्षा में उसने 86 नंबर ही लाए थे। इधर अनिता के परिजन, रिश्तेदार और गांव वालों ने राज्य और केंद्र को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरु किया है।

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