हनीप्रीत: डेरा, ड्रग माफिया और MP का कनेक्शन

नीमच / कमलेश सारड़ा। जेल में बंद बलात्कारी बाबा राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत की तरफ से उनके वकील प्रदीप आर्य ने दिल्‍ली हाइकोर्ट में 25 सितंबर को अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। याचिका में हनीप्रीत ने कहा कि उसकी जान को हरियाणा और पंजाब के ड्रग माफिया से खतरा है। हकीकत चाहे जो भी हो, लेकिन इससे जांच एजेंसियों कान जरूर खड़े हो गए हैं। हालांकि हनीप्रीत को जमानत तो नहीं मिली, लेकिन इस याचिका में ड्रग माफियाओं से जान के खतरे वाली बात ने सबको चौंका दिया है। 

अपनी अग्रिम जमानत अर्जी में हनीप्रीत ने कहा है कि उसे हरियाणा और पंजाब के ड्रग माफिया से जान का खतरा है। इसी के कारण वह अभी सामने नहीं आ सकती। हनीप्रीत ने याचिका में कहा है कि वह अकेली महिला है और उसका अतीत साफ सुथरा है। उसका कानून-व्‍यवस्‍था में पूरा विश्‍वास है और उसका सदैव पालन करती रही है। वह जांच में शामिल होने को पूरी तरह तैयार है।

लेकिन, इसमें सबसे खास बात यह है कि पंजाब और हरियाणा में अफीम की खेती नहीं होती और सालों से इन दोनों राज्यों में ड्रग्स की आपूर्ति मध्यप्रदेश के मालवा अंचल से ही होती रही है। नीमच और मंदसौर जिले में ऐसे बेहिसाब मामले हैं जिसमें हरियाणा और पंजाब के ड्रग डीलर नामजद हुए हैं और उनकी गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इससे साफ होता है की अफीम, डोडा चूरा और हेरोइन की सप्लाई मालवा के ड्रग माफिया, पंजाब और हरियाणा में करते रहे हैं।

अब सवाल यह उठता है कि हनीप्रीत को ड्रग माफियाओं से खतरा क्यों है? क्या डेरे का ड्रग माफियाओं से कोई लेना देना रहा है। यदि ऐसा है तो निश्चित ही मालवा के ड्रग माफियाओं के रिश्ते भी डेरा सच्चा सौदा या उससे जुड़े लोगों से रहे होंगे क्योंकि मालवा के ड्रग माफियाओं का कनेक्शन पंजाब और हरियाणा के ड्रग माफियाओं से जगजाहिर है।

हनीप्रीत के एडवोकेट द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में ड्रग माफियाओं से जान के खतरे की बात कही और ये कहा कि वो जांच में सहयोग करने को तैयार है। ऐसे में यदि हनीप्रीत सरेंडर करती है या गिरफ्तार होती है तो पूछताछ में खुलासा होगा कि आखिर वो कौन ड्रग माफिया हैं जिनसे हनीप्रीत को जान का ख़तरा है और ये ख़तरा क्यों है। ऐसे में हो सकता है उन ड्रग माफियाओं के साथ मालवा-मेवाड़ के ड्रग माफियाओं का नाम भी सामने आए।

इस मामले में बात करते हुए एंटी करप्शन टीम दिल्ली के सदस्य एडवोकेट अमित शर्मा ने कहा कि हनीप्रीत की  याचिका में जो खुलासा हुआ है उससे अफीम पूल में हड़कंप मचना स्वाभाविक है क्योंकि पंजाब और हरियाणा में ड्रग्स की आपूर्ति का माध्यम अफीम उत्पादक मालवा और मेवाड़ अंचल है। ऐसे में यदि हनीप्रीत से पड़ताल होती है तो निश्चित ही चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं और ड्रग माफियाओं का मालवा कनेक्शन भी सामने आ सकता है, जिसमें यह भी पता चलेगा की ड्रग्स और डेरे का क्या रिश्ता है? क्या इन मादक पदार्थों का इस्तेमाल डेरे में होता था।

गौरतलब है की आसाराम बापू भी अफीम और अश्वगंधा के मेल से पंचेड़ बूटी बनाया करते थे, जिसकी बिक्री ऊंचे दामों पर विदेशों में होती थी और यह सेक्स पॉवर बढ़ाने के काम आती थी। इसका खुलासा बापू की गिरफ्तारी के बाद उन्हीं के एक वैद्य ने किया था। ऐसे में कहीं ऐसा तो नहीं डेरे में भी इन मादक पदार्थों का इस्तेमाल होता हो।

इस मामले में जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एमपी-छत्तीसगढ़ के जोनल डायरेक्टर बीआर मीणा से बात की गई तो उनका कहना था कि नीमच-मंदसौर अफीम उत्पादक क्षेत्र है। यहीं से और आसपास के राजस्थान के जिलों से पंजाब और हरियाणा में ड्रग्स की सप्लाई होती रही है। एजेंसिया जब भी ड्रग्स सीजिंग के केस करती हैं तो मालवा के ड्रग डीलर्स से पंजाब और हरियाणा के ड्रग डीलरों का लिंक मिलता है। कई बार ये पकड़े जाते हैं और इनका सीधा लिंक पाया जाता है।

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