MONDAY को ऐसा क्या होने वाला था कि कमिश्नर को ईद की देर रात हटा दिया

भोपाल। ईद की छुट्टी के दिन देर रात एक आदेश जारी कर नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज को पद से हटाए गया। अब सवाल यह उठा रहा है कि सोमवार को आॅफिस खुलते ही छवि ऐसा क्या करने वालीं थीं जिसके डर से उन्हे शनिवार देर रात हटा दिया गया। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि छवि भारद्वाज के हाथ नगर निगम में हुए परिवहन घोटाला मामले में कुछ ऐसे दस्तावेज हाथ लग गए थे जो केवल अफसरों ही नहीं बल्कि भाजपा के कुछ दिग्गजों के लिए बड़ी परेशानी बन सकते थे। इसलिए आनन-फानन यह तबादला किया गया। इस तबादले में आनन-फानन प्रमाणित भी होता है। जल्दबाजी में मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह यह भूल ही गए कि वो छवि भारद्वाज को अपनी सीनियर अफसर का बॉस बना रहे हैं। आईएएस कॉडर में अब तक तो ऐसा कभी नहीं हुआ। 

छवि भारद्वाज का तबादला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय रहा। ऐसी क्या आपात स्थिति थी कि डेढ़ साल पहले ही निगम में आईं छवि को आनन-फानन में दूसरा दायित्व दे दिया गया। जबकि उन पर किसी प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं, न ही निगम में उनकी कार्यशैली और कुप्रबंधन के कोई मामले सामने आए। उल्टा पूरे देश में भोपाल साफ-सफाई में दूसरे नंबर पर आया। इसके अलावा निगम में सालों से चल रहे करोड़ों रुपए के अब तक के सबसे चर्चित स्पेयर पार्ट्स और डीजल घोटाले का पर्दाफाश हुआ। इसकी जांच अभी चल रही है और लगातार नई परतें खुल रही हैं। 

सिटीजंस फोरम के पूर्व संयोजक अरुण गुर्टू कहते हैं कि छवि भारद्वाज बहुत अच्छा काम कर रही थीं। बार-बार तबादलों से नुकसान ही होता है। ऐसे हालात में नया अफसर भी दबाव में रहेगा। यहां के कर्मचारियों से काम लेना अासान नहीं है।

लोकायुक्त से करेंगे मांग
सूचना का अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ता तबादला निरस्त करने की मांग को लेकर प्रभारी लोकायुक्त यूसी माहेश्वरी से मिल रहे हैं। उनका कहना है कि साफ-सुथरी छवि की कमिश्नर को ऐसे हटाना सरकार की नीयत पर सवाल है। सब जानते हैं कि परिवहन घोटाले में कई नेता और अफसरों की मिलीभगत थी। अजय दुबे ने कहा कि इस घोटाले से डरी सरकार ने जांच पूरी होने के पहले ही उन्हें हटा दिया। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना है।

पर्यटन निगम में विसंगति जूनियर के मातहत सीनियर
भारद्वाज को पर्यटन विकास निगम में एमडी बनाया गया है। छवि 2008 बैच की आईएएस अफसर हैं। जबकि निगम में पदस्थ अपर प्रबंध संचालक स्वाति मीणा, छवि से एक साल सीनियर हैं। यानी यहां जूनियर के मातहत सीनियर को काम करना पड़ेगा। 2007 बैच की अफसर स्वाति को 21 जून को अपर प्रबंध संचालक नियुक्त किया गया था। पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा कहते हैं कि प्रशासनिक दृष्टि से भारद्वाज को पर्यटन विकास निगम में एमडी बनाने के साथ ही स्वाति मीणा को दूसरी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी सीनियर आईएएस के ऊपर जूनियर अफसर की पोस्टिंग की गई है।

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