
लालबर्रा विकासखंड के ग्राम बांदरी की जयवंता बाई पति होलूराम उइके के केंसर के उपचार के लिए जबलपुर के मेट्रो हास्पिटल एंड केंसर रिसर्च सेंटर द्वारा 30 जून 2017 को दिये गये एस्टीमेट के अनुसार 07 जुलाई 2017 को 50 हजार रुपये की राशि राज्य बीमारी सहायता निधि से मंजूर की गई थी। जिसमें सर्जरी के लिए 20 हजार रुपये, दवाओं के लिए 5 हजार रुपये, अस्पताल के व्यय के लिए 5 हजार रुपये, परीक्षण व्यय के लिए 5 हजार रुपये रेडियोथेरेपी के लिए 15 हजार रुपये की राशि शामिल है।
रोगी श्रीमती जयवंता उईके पति श्री होलूराम उइके ने 08 सितम्बर 2017 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय बालाघाट को आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि वह 12 जुलाई 2017 को जबलुपर के अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुई थी। अस्पताल प्रबंधन ने उससे उपचार से पहले 15 हजार रुपये की मांग की लेकिन उनके पास राशि उपलब्ध न होने पर वे आपरेशन करवाये बगैर ही वापिस आ गये है।
जबलुपर के मेट्रो हास्पिटल एंड केंसर रिसर्च सेंटर प्रबंधन द्वारा मरीज के साथ किये गये इस व्यवहार को गंभीरता से लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के खोसला ने अतिरिक्त राशि की मांग करने एवं गंभीर रूप से बीमार रोगी का ऑपरेशन नही करने के लिए अस्पताल प्रबंधन पूर्णतः जिम्मेदार माना है और अस्पताल के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा है।
निर्धारित समयावधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत न किये जाने अथवा स्पष्टीकरण संतोषप्रद न पाये जाने पर जबलपुर के इस अस्पताल को दी गई मान्यता को समाप्त करने का प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल को भेजा जायेगा।