निजी अनुबंध पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती से CM शिवराज सिंह नाराज

भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों एक नया ढर्रा चल पड़ा है। अब यह मामला सीएम शिवराज सिंह तक भी पहुंच गया है। वो इस ढर्रे से नाराज हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी भी स्थिति में ऐसा ना किया जाए। दरअसल, मप्र के कई शिक्षक एवं अध्यापक राजनीति या दूसरे व्यापार में व्यस्त हो गए हैं। वो स्कूल में अपनी जगह किसी दूसरे व्यक्ति को पढ़ाने के लिए भेज देते हैं। पॉलिटिकल पॉवर या रिश्वत के बदले यह खेल छुपा रहता है परंतु कई बार शिकायतों के जरिए सामने भी आ जाता है। मामला अब सीएम तक पहुंच गया है। 

टीचर्स डे के अवसर पर भोपाल में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षक बच्चों को खुद पढ़ाएं। किसी और को अपने एवज में पढ़ाने नहीं भेजें। ऐसे लोग ही शिक्षकों पर धब्बा लगाते हैं। उनका सम्मान कम होता है और पूरा समाज बदनाम होता है। शिक्षक केवल अच्छे नंबर लाकर ही अच्छा शिक्षक नहीं बनता। कई बुरे लोग भी अच्छे नंबर ले आते हैं। शिक्षक के अंदर तड़प कितनी है यह बात महत्वपूर्ण होती है।

बता दें कि पिछले दिनों सरकारी अधिकारियों ने जिला स्तर पर जारी हुए विभिन्न नोटिस एवं कार्रवाईयों के आधार पर दावा किया था कि 80 हजार अध्यापक एवं शिक्षक संवर्ग के 40 हजार कर्मचारियों समेत करीब 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी ऐसे हैं जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते। पिछले सालों में ऐसे कर्मचारियों को अनियमित उपस्थिति के लिए नोटिस जारी किए गए थे। ज्यादातर मामलों में कर्मचारियों ने माफी मांगी और जिले पर उपस्थित विभागीय अधिकारी ने माफ कर दिया। 

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