
इस मामले को कांग्रेस ने भी हाथो-हाथ लिया है। उन्होंने भी इस प्रकार के पोस्टर को सोशल मीडिया में जमकर वायरल किया है। वहीं भाजपा ने इसे औचित्यहीन बताया है। दरअसल, शहडोल सांसद उमरिया जिले में रहते हैं। इस कारण वो शहडोल और अनूपपुर जिले का कम ही दौरा करते हैं। जबकि संसदीय क्षेत्र शहडोल में कटनी जिले का बड़वारा, शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिला आता है। जबसे ज्ञान सिंह सांसद बने तब से वो कुछ ही सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने शहडोल या अनूपपुर पहुंचे हैं। इसके अलावा वो संसदीय क्षेत्र के दौरे को लेकर लगातार निष्क्रिय ही नज़र आये हैं।
सांसद के मिसिंग वाले पोस्टर को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ज्ञान सिंह को मंत्री पद से ज्यादा मोह था। वो सांसद बनने के छह महीने तक मंत्री पद पर बने रहे। जैसे ही उनसे मंत्री पद छीना गया वो निष्क्रिय हो गए और संसदीय क्षेत्र को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
भाजपा के स्थानीय नेता ऐसे आरोपों को खारिज कर रहे है। हालांकि, भाजपाई भी दबी जुबान यह कहने से गुरेज नही कर रहे हैं कि मंत्री पद छिनने के बाद से ज्ञान सिंह संसदीय कार्य में रुचि नहीं रख रहे हैं।