
आरोपी की पैरवी के लिए आगे आए रोहतक के एक वकील ने बताया कि कंडक्टर अशोक को फंसाया जा रहा है। वकील के मुताबिक, अशोक ने उनको बताया कि पुलिस ने उसे दो दिन के लिए चुप रहने को कहा था और फिर छोड़ देने का वादा किया था। कंडक्टर के कपड़ों पर खून के निशान बच्चे को गोद में उठाने के बाद लगे थे और उसके पास कोई चाकू नहीं था। वकील के मुताबिक, अशोक को जुर्म कबूलने के लिए 25 लाख का ऑफर भी किया गया।
सीढ़ियों से सीनियर क्लॉस के एक छात्र के भागने, किसी अन्य के संदिग्ध हालत में होने की बातें शुरू से ही चर्चा में रही हैं। स्कूल के शौचालय की खिड़की का टूटा होना, बाथरूम में चाकू का जाना, उंगलियों के निशान मिटाने के लिए चाकू को धोने जैसे कई सवाल भी अनसुलझे हैं।
पुलिस की जांच में ऐसे कई पेंच दिखाई दे रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने माना कि पहले ही दिन चाकू की बरामदगी दिखाना भी शक साबित करता है।
इस मामले में एक पुलिस अफसर और स्कूल प्रबंधन के एक अधिकारी के शामिल होने की बात भी अशोक ने अपने वकील को बताई है। अपने पिता अमीचंद को भी अशोक ने इसी तरह की कई बातें बताई। सवाल यह है कि पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी में तेजी क्यों दिखाई? अब सीबीआई को जांच सौंपने के ऐलान के बाद पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
CBSE ने भेजा नोटिस
सीबीएसई का मानना है कि रायन स्कूल यदि सुरक्षा मापदंडों का पालन करता तो छात्र की हत्या नहीं होती। स्कूल की लापरवाही के चलते ही यह वारदात हुई है। सीबीएसई ने जांच पूरी करने के बाद स्कूल को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर क्यों न उसकी मान्यता रद्द कर दी जाए? जांच में सबसे बड़ी खामी पाई गई कि स्कूल में जो शौचालय था, उसे स्टाफ और बच्चे दोनों इस्तेमाल कर रहे थे। स्कूल प्रबंधन से 15 दिन के भीतर जवाब मांग गया है।
आघात, खून बहने से मौत
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शनिवार को सामने आ गई है, जिसके मुताबिक, मौत की वजह आघात और खून का बहना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तेज धारधार हथियार से दो बार वार किया गया। गले की नस और खाने की नली कट गई थी। घाव ऐसा था कि एक-दो मिनट से ज्यादा बचना मुमकिन नहीं था। रिपोर्ट के मुताबिक, मर्डर को तीन से चार मिनट के अंदर अंजाम दिया गया। अब सवाल ये है कि क्या यह हमला अचानक था या प्लानिंग थी?