
चौहान ने कार्यक्रम में सभी से क्षमा याचना भी की। उन्होंने कहा कि मैं सार्वजनिक रूप से झमा मांगता हूं, यदि मेरी वाणी और कार्य की वजह से किसी को भी दुख हुआ हो तो मुझे क्षमा करें।कार्यक्रम के प्रारंभ में पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। इस अवसर पर महापौर आलोक शर्मा, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लूनावत और समाज के अन्य व्यक्ति मौजूद थे।
बता दें कि जैन पंथ में क्षमावाणी के तहत वर्ष भर में जिनसे दुख प्राप्त हुआ उन्हे क्षमा करने और जिन्हे जाने अनजाने दुख पहुंचाया उनसे क्षमा मांगने की परंपरा है। इसी के चलते शिवराज सिंह चौहान ने सभी से क्षमा मांगी।