
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हाल ही में मैंने देखा कि कुछ अदालतों को सरकार चलाने की बहुत इच्छा है। इस ट्रेंड पर विचार करने की जरूरत है। वे अपनी ताकतों के लिए जिम्मेदारी कुबूल करें। सरकार उन्हें चलाने देना चाहिए, जिन्हें सरकार चलाने के लिए चुना गया है। कानून मंत्री प्रसाद ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है कि आप शासन चलाएं और आपको जिम्मेदार भी ना ठहराया जाए।
मनमाने फैसलों को भी खारिज करें- प्रसाद
प्रसाद ने कहा, "ज्यूडिशियरी निश्चित रूप से ऐसे कानूनों को खारिज कर दे, जो उसे असंवैधानिक लगते हैं। उसे ऐसे फैसलों को भी खारिज करना चाहिए, जो मनमाने पाए जाएं। ज्यूडिशियरी अपनी खास जिम्मेदारी समझे। उसे अधिकार है कि वो ऐसे गुमराह पॉलिटिशियन को सही करे, जो उसके अधिकार को ना मान रहा हो। ये ज्यूिडशियरी की ताकत है।
फैक्ट को स्वीकार करे ज्यूडिशियरी
उन्होंने कहा, "ऐसा करने के दौरान ज्यूडिशियरी को इस फैक्ट को भी स्वीकार करना होगा कि सरकार चलाने का काम उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए, जिन्हें भारत के लोगों ने सरकार चलाने के लिए ही चुना है। शासन और जिम्मेदारी दोनों साथ-साथ आते हैं। आप ऐसा नहीं कर सकते कि शासन चलाएं और जिम्मेदारी ना लें। पार्लियामेंट, लेगिस्लेचर, मीडिया और NHRC जैसी ऑर्गनाइजेशंस ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जो पॉलिटिशियंस को जिम्मेदारी के बारे में बताते हैं।