भोपाल। कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल किसी भी थाने की रीड़ होते हैं। यही 2 पद हैं जो 100 प्रतिशत मैदानी होते हैं। जनता से सीधे जुड़े होते हैं और इलाके का इतिहास, भूगोल तक इन्हे याद रहता है। मध्यप्रदेश के कई थानों में कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल वर्षों से जमे हुए हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो एकाध थाना इधर उधर होकर पूरी नौकरी निकाल लेते हैं परंतु अब ऐसा नहीं होगा। पीएचक्यू ने आदेश जारी कर दिया है कि कोई भी कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल एक थाने में 3 साल से ज्यादा नहीं रह सकता।
राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) विजय कटियार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जिलों के थानों में पदस्थ आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों को प्रत्येक तीन वर्ष में जिले के भीतर के दूसरे थानों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के सभी पुलिस महानिरीक्षकों (आईजी), उप महानिरीक्षकों (डीआईजी) और पुलिस अधीक्षकों को भेजे गए निर्देश में यह भी कहा गया है कि थानों में आरक्षक और प्रधान आरक्षक की पदस्थापना की समयावधि के अनुसार ही स्थानांतरण की कार्रवाई कर ब्यौरा प्रस्तुत करें।