
पहली बैठक मे संगठन चुनाव की रूपरेखा तय की गई। इसमे कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार रखे और पार्टी को कैसे जनता के बीच पंहुच कर सरकार की नाकामी बताए इन पर चर्चा की गई। दूसरी बैठक मे आरोप प्रत्यारोप का दौर चला जहां पार्टी हित की बाते छोड़कर सब कुछ हुआ। कोतमा विधायक के साथ आये लोगो ने सिर्फ पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह का विरोध करते रहे।
इससे यह तो साबित हो गया कि कांग्रेस के अन्दर जम कर गुटबाजी हावी है। जिसको शायद राहुल गांधी भी न हटा पायेंगे। चुनाव अधिकारी के सामने जिस ढंग से अपना परिचय दिया वह अशोभनीय रहा। पार्टी को इन गुटबाजीयो को दरकिनार करते हुए निष्पक्ष चुनाव करा जिले को एक अदद अध्यक्ष दे जो जिले को एक सूत्र मे रख कर अगामी चुनाव मे पार्टी को मजबूत स्थिति मे ला सके।