मैकडॉनल्ड्स vs बख्शी विवाद: कर्मचारी समेत सप्लायर्स भी तनाव में

NEWS ROOM
NEW DELHI: फूड और कच्चे माल की सप्लाई करने वाले, मॉल ऑपरेटर और मैकडॉनल्ड्स के एंप्लॉयीज इन दिनों परेशान हैं क्योंकि कंपनी ने पार्टनर विक्रम बख्शी के साथ चल रही कानूनी लड़ाई की वजह से उत्तर और पूर्वी भारत में 169 आउटलेट्स बंद करने का ऐलान किया था। इससे 6,000 कर्मचारियों के बेरोजगार होने का डर है। अगर ये स्टोर बंद होते हैं तो फ्रोजेन फूड सप्लायर, डेयरी प्रॉडक्ट और सॉस सप्लायरों भी नुकसान होगा। इनका मैकडॉनल्ड्स के साथ सामान की सप्लाई के लिए लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट है।

एक सप्लायर के यहां काम करने वाले अधिकारी बताया, 'मैकडॉनल्ड्स हमारी सबसे बड़े फूड चेन पार्टनर्स में से एक है और दिल्ली उसके सबसे बड़े बाजार में से एक है।' उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि मैकडॉनल्ड्स इस विवाद को सुलझा लेगी और जल्द ही सबकुछ सामान्य हो जाएगा।' 21 अगस्त को मैकडॉनल्ड्स इंडिया ने कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स लिमिटेड (सीपीआरएल) के साथ फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट खत्म कर दिया था और बख्शी पर कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को तोड़ने और पेमेंट डिफॉल्ट का आरोप लगाया था। मैकडॉनल्ड्स ने कहा था कि बख्शी ने दो साल से उसे रॉयल्टी तक का भुगतान नहीं किया है।

सीपीआरएल में मैकडॉनल्ड्स और बख्शी की बराबर की हिस्सेदारी है। अमेरिकी कंपनी ने बख्शी को 2013 में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से हटा दिया था। एनसीएलएटी ने दोनों को आपसी बातचीत से विवाद सुलझाने के लिए कहा है। हालांकि, जिन लोगों ने मैकडॉनल्ड्स और बख्शी के ज्वाइंट वेंचर को स्टोर के लिए जगह किराए पर दी है, एनसीएलएटी के आदेश से उनकी परेशानी दूर नहीं हुई है। एक मॉल ऑपरेटर के अधिकारी ने बताया, 'मामला अदालत में है। इसलिए अभी तक यह पता नहीं है कि 6 सितंबर के बाद क्या होगा। हालांकि, अगर स्टोर बंद होते हैं तो हम कंपनी से कुछ महीनों का हर्जाना मांगेगा, जब तक कि हमें नया किरायेदार नहीं मिल जाता।' अगर मैकडॉनल्ड्स और बख्शी के बीच सुलह नहीं हो पाती है तो टर्मिनेशन एग्रीमेंट के मुताबिक सीपीआरएल मैकडॉनल्ड्स के नाम, ट्रेडमार्क और डिजाइन का इस्तेमाल 6 सितंबर के बाद नहीं कर पाएगी। 

सूत्रों ने बताया कि अगर आउटलेट बंद होते हैं तो सप्लायरों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। एक और प्रॉडक्ट सप्लायर ने बताया, 'मैकडॉनल्ड्स के साथ हमारा लंबे समय का एग्रीमेंट है। अगर ये स्टोर बंद हो जाते हैं तो हम क्या करेंगे।' वहीं, स्टोर बंद होने की आशंका से परेशान कर्मचारियों ने नौकरी ढूंढना शुरू कर दिया है। कुछ ने तो इस्तीफा भी दे दिया है। साउथ दिल्ली के एक आउटलेट में काम करने वाले दो कर्मचारियों ने बताया, 'हम नौकरी ढूंढ रहे हैं, लेकिन इसमें समय लगता है। ऐसा लग रहा है कि अगर ये स्टोर बंद हो जाते हैं तो हमें पिछले महीने की सैलरी नहीं मिलेगी।'
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!