इस बार का रक्षाबंधन के त्यौहार में शुभ मुहूर्त कम और पंडितों के शिगूफे ज्यादा है। अभी तक तो चंद्रग्रहण के सूतक तथा भद्रा जो कि सुबह 10:39 तक है। केवल उसका ही संशय था। अब टीवी चेनल के एक पंडितजी के अनुसार सोमवार को सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक राहुकाल है इस दौरान बहनें अपने भाई को राखी न बांधे अन्यथा अशुभ परिणाम होंगे। वैसे ही रिश्तों मॆ इतनी तल्खीया हो गई है उसके अलावा समझ मॆ ये नही आता की पंडित रिश्ते सुलझाते हैं या उलझाते हैं। राहुकाल, भद्रा तथा चंद्रग्रहण का सूतक इन सबके सम्बंध मॆ आपको स्पष्ट जानकारी दे रहा हूं।
राहुकाल
राहु ग्रह बुध की राशि मॆ उच्च का होता है। आकाश मंडल की परिषद में बुध ग्रह को बहन बेटी तथा बुआ का कारक माना गय़ा है। राहु जो की बुध की राशि कन्या में स्वग्रही तथा मिथुन राशि में उच्च का होता है। यानी राहु का समस्त अस्तित्व बुध ग्रह पर ही है। ऐसे बहनों के त्योहार मॆ राहुकाल बाधक नही होता। मेरी मान्यता है की रक्षाबंधन मॆ राहुकाल का कोई औचित्य नही है।
भद्रा विचार
मकर राशि मॆ भद्रा पाताल मॆ निवास करती है तथा धनदायक है। इसके अलावा वह शनिदेव तथा यम की बहन है इसीलिए रक्षाबंधन मॆ भद्रा बाधक नही है अपितु धनदायक है।
चंद्रग्रहण का सूतक
इस बार चूडामनी चंद्रग्रहण है जो की इस सदी मॆ सोमवार को पड़ रहा है और आपके लिये सम्भवतः आखरी होगा इस समय किया गय़ा दान अनंत पुण्यदायक है। इसीलिये आप रक्षाबंधन का कार्य ब्रम्हामुहूर्त मॆ पहले प्रहर से लेकर चंद्रग्रहण के सूतक काल 1:50 तक कर सकते है तथा बहन बुआ बेटी को दान चंद्रग्रहण काल मॆ दे सकते हैं। जिससे भाईयों को अनंत गुना पुण्य का लाभ भी होगा साथ ही राहूकाल भद्रा तथा चूडामनी चंद्रग्रहण का शुभ फल आपको मिलेगा।इसीलिये ध्यान रखें इस बार राखी का पर्व आपके लिये अनंतपुण्यदायीं है ब्रम्हामुहूर्त मॆ जल्दी उठें 1:50 तक राखी बंधाये। मिठाई तथा भोजनकार्य इस अवधि मॆ पूर्ण करें तथा ग्रहण काल मॆ अपनी बहन को गिफ्ट देकर उसे प्रसन्न करें तथा अनंत कोटि पुण्य कमायें।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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