
शुक्रवार को विजयपुर के टॉउन हॉल में सरपंच-सचिवों की समीक्षा बैठक रखी गई थी। इसी बैठक में एक दिन पहले पद से अलग की गई ओछा ग्राम पंचायत की आदिवासी महिला सरपंच ने सीईओ ऋषि गर्ग से कहा कि हितग्राही ने शौचालय बनवाने के लिए खाते से पैसे नहीं निकाले, इसलिए शौचालय नहीं बन सका। इसमें मेरी क्या गलती है? बिना पैसों के शौचालय कैसे बनेंगे? जिसके बाद आईएएस ने विवादित जवाब दिया था।
बैठक का बहिष्कार करने के बाद सभी सरपंच विजयपुर विधायक राम निवास रावत के निवास पर पहुंच गए और सीईओ की शिकायत की। इसके बाद विधायक रावत सरपंचों को लेकर उसी टॉउन हॉल में पहुंच गए। जहां सीईओ सचिवों की बैठक ले रहे थे। विधायक रावत ने सीईओ गर्ग से कहा कि आपका व्यवहार ठीक नहीं है, उसे सुधारिए। आप दूसरों का अपमान करते हैं। इसके बाद विधायक ने ओछा की सरपंच से पूछा कि बताओ क्या हुआ तुम्हारे साथ बैठक में।
विधायक समेत सभी सरपंच पहुंचे थाने
यह सुनकर सरपंच ने वही माइक पकड़ा, जिस पर सीईओ ऋषि गर्ग बोल रहे थे। माइक पर महिला सरपंच ने कहा कि सीईओ ने कपड़े उताकरकर नंगा फिरने की बात कही। यह सुनकर सीईओ कुर्सी से खड़े हो गए और बोले कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। यह सरासर झूठे आरोप हैं। इसके बाद विधायक के साथ सभी सरपंच थाने पहुंचे और जिपं सीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया। पुलिस ने मामले को जांच में ले लिया है।
गेट न खोलने पर गार्ड से लगवाए थे कलेक्ट्रेट के चक्कर
जिला पंचायत सीईओ अपने व्यवहार के कारण पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। छह जुलाई की शाम को कलेक्ट्रेट में बैठक से बाहर निकलने पर सीईओ की गाड़ी के पास गार्ड रामअवार श्रीवास नहीं मिला। इसी बात पर सीईओ ने 54 साल के गार्ड से कलेक्ट्रेट के चक्कर लगवाए थे। इस मामले में पूरा होमगार्ड विभाग सीईओ के खिलाफ सड़क पर उतरा था और मानवाधिकार आयोग ने भी सीईओ को नोटिस भेजा था।