
गुरुवार को हुई विभागीय वीडियो कान्फ्रेंसिंग में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने जनपद सीईओ शिवजी सोलंकी को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। सवाल यह है कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कारण बताओ नोटिस जैसी कोई चीज होती है या नहीं।
ये है मामला
ब्लाॅक की 68 पंचायतों में वर्तमान में 56 पंचायत सचिव कार्यरत हैं। इसके अलावा 64 रोजगार सहायक भी काम संभाल रहे हैं। सचिव और रोजगार सहायक के अलावा जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और जनपद सदस्यों सहित मनरेगा और जनपद के स्टाफ के वेतन आहरण और भुगतान का अधिकार जनपद सीईओ शिवजी सोलंकी के पास है। इनमें पंचायत सचिव का पिछले तीन माह अप्रैल, मई और जून माह का वेतन रुका हुआ था। जनपद सीईओ ने यह भुगतान इकट्ठा 4 अगस्त को पंचायत सचिवों में खाते में ट्रेजरी के माध्यम से कर दिया। यह भुगतान करीब 24 लाख का है। जबकि विभागीय निर्देश में पंचायत सचिव का वेतन पंचायत दर्पण पोर्टल के माध्यम से किया जाना था।
पहली बार मिली थी राहत
पंचायत सचिव राजेंद्र गंगारे, सुनील देशमुख, शिवराम साहू, गजेंद्र सिकरवार सहित अन्य का कहना है उन्हें अक्सर ही वेतन के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी साल के शुरुआत में भी इसी तरह तीन माह का वेतन एक साथ दिया गया था, जिन महीनों में वेतन नहीं मिलता उन महीनों में कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। केवल इसी बार त्योहार पूर्व वेतन मिलने से राहत मिली थी।
आमला. शिवजी सोलंकी, जनपद सीईओ आमला।
मौखिक आदेश हैं, लिखित में कुछ नहीं आया
पंचायत सचिव के वेतन मामले में आदेश की अनदेखी के कारण मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेंस के दौरान निलंबन के मौखिक आदेश दिए हैं। अभी इस संबंध में कोई कार्यालयीन पत्र नहीं मिला है।
शीला दाहिमा, सीईओ जिला पंचायत
प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, आदेश की जानकारी बाद में मिली
पूर्व में प्राप्त निर्देशों के अनुसार ट्रेजरी से वेतन भुगतान की प्रक्रिया हो चुकी थी। पंचायत दर्पण पोर्टल से भुगतान के आदेश देरी से मिले। इसके कारण ट्रेजरी से भुगतान रोकना संभव नहीं हो पाया।
शिवजी सोलंकी, जनपद सीईओ