नई दिल्ली। अब लालू प्रसाद मुक्त बिहार बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई लगता है। शुक्रवार को पटना सिटी व्यवहार न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी आशुतोष राय की अदालत में लालू और उनके दोनों बेटे तेजस्वी एवं तेजप्रताप के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ। इस बार शिकायत सुशील मोदी ने नहीं बल्कि धर्म निरपेक्ष सेवक संघ ने की है। आरोप है कि लालू प्रसाद ने संघ का बेजा लाभ उठाया है।
यह मुकदमा पटना सिटी के जीतू लाल लेन निवासी रामजी योगेश ने किया है। मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। वादी की ओर से दायर परिवाद पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम ने मामले को आशुतोष राय की अदालत में भेजा था। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू और उनके दोनों बेटों के अलावा अन्य ओम प्रकाश यादव, शिवनंदन भारती और विमलेश यादव को अभियुक्त बनाया गया है।
आरोप के अनुसार परिवादी ने गरीब दस्ता नामक संगठन का निबंधन कराया था, लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर धर्म निरपेक्ष सेवक संघ कर दिया गया। इसकी सूचना निबंधन विभाग को दे दी गई थी। लालू प्रसाद और तेज प्रताप को इस संस्था का संरक्षक बनाया गया। परिवादी ने आरोप लगाया है कि इस संगठन को हड़पने के लिए आरोपितों ने संबंधित विभाग को पत्र लिखा और बेजा फायदा उठाया। अपने प्रचार-प्रसार के लिये संगठन के नाम के साथ धोखाधड़ी भी की जा रही है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 17 अगस्त मुकर्रर की है।