नेताओं को खुश करने वाले अफसरों से हाईकोर्ट नाराज

Bhopal Samachar
इलाहाबाद। उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट ने उन तमाम अधिकारियों को लताड़ लगाई है जो सत्ताधारी दल की मंशा को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करते हैं। हाईकोर्ट का कहना है कि नियमों का पालन करने के लिए सरकार का मूड देखने की जरूरत नहीं है। दोषियों के खिलाफ बिना भेदभाव के कार्रवाई होनी चाहिए। मामला मथुरा में यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण, अतिक्रमण व अवैध निर्माण का है। अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमणकारियों को नोटिस तो जारी किए परंतु कार्रवाई नहीं की। 

कोर्ट ने कहा है कि, पिछले 7 साल में अतिक्रमण हटाने के लिए 96 लोगों को नोटिस दी गई, लेकिन केवल दो ही हटाए जा सके। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, जब कार्यवाही नहीं करनी तो नोटिस देने का क्या मतलब। कोर्ट ने मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण का कार्यभार संभाल रहे डीएम मथुरा को निर्देश दिया है कि, 15 दिन में 15 लोगों के मामले निपटाएं और कोर्ट में 13 सितंबर को रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने नगर आयुक्त के हलफनामे को अस्वीकार करते हुए पूछा है कि, नगर से कितना गंदा पानी निकलता है और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की क्षमता क्या है। कोर्ट ने कहा कि, सीधे यमुना में गिर रहे नालों को डायवर्ट की योजना के साथ नगर आयुक्त हलफनामे के साथ कोर्ट में हाजिर हो। 

यह आदेश जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की खंडपीठ ने मधु मंगलदास शुक्ल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने नगरआयुक्त से सभी नालों की फोटोग्राफ भी दाखिल करने को कहा है। प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण न गिराने व केवल नोटिस जारी करते रहने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि अधिकारी यदि सत्ता के हिसाब से काम करना चाहते हैं तो वे पार्टी का झंडा उठा लें।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!