कश्मीर की तरह प्रायोजित थी हरियाणा हिंसा, किराए पर बुलाए थे उपद्रवी

नई दिल्ली। जिस तरह कश्मीर में प्रायोजित पत्थरबाजी कराई गई थी खुलासा हुआ है कि ठीक वैसे ही हरियाणा के पंचकूला में 1000 रुपए नगद, ​आने जाने का किराया और खाना देकर लोगों को प्रदर्शन के लिए बुलाया गया था। अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून ने दावा किया है कि सिरसा एवं पंचकूला के आसपास के इलाकों में काम करने वाले मजदूर एवं नौकरों को बुलाया गया था। हालांकि हिंसक वारदातें डेरा के लोगों ने ही कीं। बाकी सब भीड़ बढ़ाने के लिए आए थे। बताया जा रहा है कि डेरा अधिकारियों की ये कवायद फैसले से पहले प्रशासन पर दबाव डालने के लिए थी। डेरा प्रवक्ता ने इस आरोप का खंडन किया है। 

अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में इस तरह का दावा किया गया है। सिरसा के एक व्यापारी के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि जब हमारी नौकरानी गुरुवार को नहीं आई, तो हमने मोबाइल पर उससे संपर्क किया उसने कहा कि वह डेरा के अनुयायियों के साथ पंचकूला जा रही है और वो पंचकूला के रास्ते में है। तो हमें पता चला (बातचीत के दौरान) कि डेरा ने उन्हें भाड़े पर रखा है।

हिसार जिले के अपने गांव में एक सरकारी डॉक्टर ने बताया कि कुछ इलाकों में घोषणा की गई थी कि जो भी डेरा के अनुयायियों के साथ आएगा, उसे 1000 रुपए रोज भुगतान दिया जाएगा। यहां पहुंचने के बाद उन्हें अच्छा भोजन दिया जाएगा। डॉक्टर ने दावा किया कि उनके गांव की 100 से ज्यादा महिलाएं डेरा के अनुयायियों के साथ थीं।

हालांकि, द ट्रिब्यून के सवाल पर डेरा के एक प्रवक्ता ने इन बातों से इन्कार करते हुए कहा कि लोग अपनी इच्छा और अपने साधनों के जरिये आए थे।

आपको बता दें कि शुक्रवार को हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप का दोषी करार दिया था। फैसले के बाद पंचकूला में हिंसक भीड़ ने वाहनों और सरकारी इमारतों में जमकर आगजनी की थी। कई प्राइवेट वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया था और इस हिंसा में 37 लोगों की मौत हुई। राम रहीम पर डेरा की एक पूर्व साध्वी ने रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में 28 अगस्त सोमवार को सजा का ऐलान होना है।

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