फिर पलटा चीन: डोकलाम में सड़क कभी भी बना सकते हैं

नई दिल्ली। डोकलाम विवाद को निपटे अभी 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि चीन से एक के बाद एक तीन विवादित बयान आ गए। तीसरा बयान ज्यादा गंभीर है। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनियांग ने कहा है कि वो डोकलाम में सड़क जरूर बनाएंगे। उन्होंने ऐसा कोई वादा नहीं किया कि वहां पर सड़क नहीं बनाई जाएगी। बता दें कि जिस जगह पर चीन सड़क बनाना चाहता है वहां से भूटान और भारत के प्रति खतरा बढ़ता है। भारत चाहता है कि वहां पहले जैसे हालात रखे जाएं जबकि चीन विकास के नाम पर अपनी सैनिक पहुंच भूटान और भारत के नजदीक करना चाहता है। 

भारत और चीन ने 73 दिन के लंबे तनाव के बाद सोमवार को ही डोकलाम पर समझौते का एलान किया था। भारत के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट जाएंगी। चीन ने कहा कि वो एडजस्टमेंट्स करेगा। मंगलवार को चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने इस मामले पर फिर भड़काउ बयान दिया। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनियांग ने कहा- हमें अपनी सीमाओं की रक्षा करनी है। वहां की लिविंग कंडीशंस सुधारनी हैं। चीन पहले भी वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करता रहा है, इनमें रोड कंस्ट्रक्शन भी शामिल है। बता दें कि डोकलाम मुद्दा हल होने के बाद यह तय माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगले हफ्ते चीन जाएंगे।

चीन की गश्त भी जारी रहेगी
हुआ से जब यह पूछा गया कि क्या चीन उस इलाके में रोड बनाना जारी रखेगा? उन्होंने कहा- हम सभी पहलुओं पर गौर करेंगे। इसमें मौसम भी शामिल है। जो मैदानी हकीकत होगी उसके हिसाब से वहां कंस्ट्रक्शन जारी रखा जाएगा। एक सवाल के जवाब में स्पोक्सपर्सन ने कहा- हमारी फौज वहां रहेगी और गश्त भी करेगी। जो ऐतिहासिक समझौता है उसके मुताबिक ही हम अपनी सॉवरिनिटी की रक्षा करेंगे। हुआ से जब ये पूछा गया कि भूटान ने तो डोकलाम में चीन के सड़क बनाए जाने का विरोध किया था और क्या इस मसले पर भूटान से कोई बातचीत हुई है? इस पर उन्होंने कहा- फिलहाल, तो हमने इंडियन ट्रूप्स की घुसपैठ का मुद्दा सुलझाया है।

ब्रिक्स पर सीधा जवाब नहीं
भारत और चीन के बीच समझौते के बारे में ये कहा जा रहा है कि ये इसलिए किया गया ताकि मोदी ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन जाएं। इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर हुआ ने कहा- इस तरह के मुद्दों को डिप्लोमैटिक तरीके से हल किया जाना ही दोनों देशों के हित में रहता है। इस मामले से ये भी साफ हो जाता है कि चीन कितना गंभीर और जिम्मेदार देश है।

स्कॉलर भी खुश
डोकलाम मुद्दा हल होने पर चीन के एक स्कॉलर ने भी खुशी जाहिर की। इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के डाइरेक्टर हू शिशेंग ने कहा- मुझे बहुत खुशी है कि दोनों सरकारों ने जिम्मेदार बर्ताव की मिसाल पेश की। दोनों देशों को चाहिए कि वो आपसी हितों के मुद्दों को लेकर सिंसियर रहें। एक और स्कॉलर रैंग यिंग ने कहा- यह बहुत बड़ा विवाद था। इसका डिप्लोमैटिक तरीके से हल निकाल लेना अपने आप में ही बड़ी कामयाबी है।

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